राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में लगेंगे दुर्घटना रोधी डिटेक्टर
पटरी से उतरने से बचाने के लिए रेलवे ट्रेनों में डिटेक्टर लगाएगा। इसके लिए रेलवे ने डिटेक्टर को खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पायलट परियोजना के तहत इस उपकरण को तीन राजधानी और दो शताब्दी ट्रेनों में लगाया जाएगा। प्रयोग सफल रहा तो बाद में दूसरी ट्रेनों में भी ये डिटेक्टर लगाए जाएंगे।
नई दिल्ली। पटरी से उतरने से बचाने के लिए रेलवे ट्रेनों में डिटेक्टर लगाएगा। इसके लिए रेलवे ने डिटेक्टर को खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पायलट परियोजना के तहत इस उपकरण को तीन राजधानी और दो शताब्दी ट्रेनों में लगाया जाएगा। प्रयोग सफल रहा तो बाद में दूसरी ट्रेनों में भी ये डिटेक्टर लगाए जाएंगे।
भारतीय रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डिटेक्टर डिवाइस लगाने के लिए जल्द ही राजधानी और शताब्दी ट्रेनों का चयन किया जाएगा। यूरोप और अमेरिका में सफलतापूर्वक आजमाए गए इस उपकरण की खरीद के लिए रेलवे वैश्विक निविदा आमंत्रित करेगा। एक यंत्र की कीमत तकरीबन ढाई लाख रुपये है। कंपन पर काम करने वाले डिटेक्टर को प्रत्येक कोच के अंत में लगाया जाएगा। कोच में उच्च स्तर के असामान्य कंपन पर डिटेक्टर के सक्रिय होने से ट्रेन में ब्रेक लग जाएगा। इससे ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच जाएगी।
राजधानी एक्सप्रेस में 20 कोच होते हैं। ऐसे में इस ट्रेन में उपकरण लगाने पर तकरीबन 60 लाख रुपये का खर्च आएगा। पहले चरण में 113 कोचों में डिटेक्टर डिवाइस लगाने की योजना है।
ट्रेनों में चोरी की घटनाओं में हुई वृद्धि: मनोज सिन्हा
चीन में बुलेट ट्रेन घाटे में, नेटवर्क विस्तार रोकने का सुझाव