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    राहुल होंगे अध्यक्ष! कांग्रेस में शुरू हुआ वफादारियां बदलने का खेल

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Thu, 26 Feb 2015 09:08 PM (IST)

    राहुल गांधी नाराजगी के आत्मचिंतन की छुट्टियों के बाद अध्यक्ष बनने को तैयार हैं। वहीं दिल्ली में भविष्य की चिंता में लगे कांग्रेसी नेता वफादारी बदलने की राह पर हैं। पार्टी के कुछ नेताओं ने मुखर होकर बदलाव के सुर में सुर मिलाने शुरू कर दिए हैं।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राहुल गांधी नाराजगी के आत्मचिंतन की छुट्टियों के बाद अध्यक्ष बनने को तैयार हैं। वहीं दिल्ली में भविष्य की चिंता में लगे कांग्रेसी नेता वफादारी बदलने की राह पर हैं। पार्टी के कुछ नेताओं ने मुखर होकर बदलाव के सुर में सुर मिलाने शुरू कर दिए हैं।

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    वहीं, कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी से मिल कर बदलाव को स्वीकार कर लेने की गुजारिश ही है। इस बीच सोनिया गांधी भी बदले हालात को देख राहुल की ताजपोशी को राजी हो गई है। अब तक के सबसे लम्बे अध्यक्ष के कार्यकाल को सोनिया मार्च में प्रस्तावित पार्टी अधिवेशन में विराम दे देंगी। इसके साथ ही कांग्रेस में राहुल गांधी युग शुरू हो जाएगा। जबकि, सोनिया की अध्यक्षता में उनके वफादारों को समायोजित करने की तैयारी है।

    कांग्रेस में वफादारियों के बदलने की आहट के बीच अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बदलाव को 'हां' कह दी है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी के कई करीबी नेताओं ने उनसे बदलाव के लिए सही वक्त की ओर इशारा करते हुए राहुल को कमान देने की बात कही है। जबकि, दिग्विजय सिंह व कमलनाथ जैसे नेताओं ने तो सार्वजनिक रूप से सोनिया से पद छोड़ देने की वकालत की है। जानकारी के मुताबिक सोनिया की इस 'हां' के बाद ही राहुल नई कांग्रेस की रूप रेखा बनाने के लिए अज्ञातवास पर गए हैं।

    राहुल के करीबी नेताओं से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अधिवेशन से पहले पार्टी कार्यसमिति की बैठक होगी। इसमें राहुल भविष्य की कांग्रेस का खाका खीचेंगे। इसके तहत पार्टी के पुर्नगठन के लिए कामराज प्लान की तर्ज पर सामूहिक इस्तीफे के बाद पार्टी का पुर्नगठन प्रस्तावित है। अधिवेशन में पार्टी के संविधान में कई अहम बदलाव के साथ अध्यक्ष सहित महासचिवों के कार्यकाल को तीन साल का करना, वर्ष में दो बार कांग्रेस अधिवेशन बुलाना जैसे पुराने नियमों की वापसी होगी।

    वहीं सोनिया के वफादारों की सम्मानजनक विदाई के लिए पार्टी में कार्यसमिति की तर्ज पर विशेष समूह का गठन किया जाएगा। सलाहकार परिषद के रूप में इस परिषद की अध्यक्षता खुद सोनिया करेंगी। जबकि, इसमें पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं जिनसे राहुल व उनकी टीम के अच्छे संबंध नही हैं को समायोजित किया जाएगा।

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