पीएम को न्याय न मिलने से राहुल दुखी
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तीन हत्यारों की फांसी माफी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु की जयललिता सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सातों दोषियों की रिहाई की घोषणा पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने अपनी दिल की आवाज का हवाला देते हुए कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री को भी न्याय नहीं मिलता, तो एक आम आदमी को न्याय कैसे मिल सकता है।

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। तीन हत्यारों की फांसी माफी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु की जयललिता सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सातों दोषियों की रिहाई की घोषणा पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने अपनी दिल की आवाज का हवाला देते हुए कहा कि इस देश में प्रधानमंत्री को भी न्याय नहीं मिलता, तो एक आम आदमी को न्याय कैसे मिल सकता है।
गौरतलब है कि मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका पर विचार में 11 साल की देरी के आधार पर तीन दोषियों मुरुगन, सांतन और एजी पेरारिवलन की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी।
अमेठी के जगदीशपुर में पूरब गांव की जनसभा में राहुल ने कहा कि वह मौत की सजा के पक्ष में तो नहीं हैं, लेकिन अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री के हत्या के सातों दोषियों को छोड़ने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से दुखी हैं। अगर राष्ट्र के लिए अपना जीवन बलिदान करने और लोगों के अधिकार के लिए काम करने वाले पीएम को न्याय नहीं मिलेगा, तो आम आदमी क्या उम्मीद करे।
उन्होंने कहा, 'मैं फांसी में विश्वास नहीं करता, क्योंकि इससे मेरे पिता वापस नहीं आएंगे, लेकिन यह सिर्फ मेरे पिता या परिवार का मामला नहीं है। यह पूरे देश का मामला है।' इससे पहले जब तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री जयललिता ने सातों दोषियों की रिहाई की घोषणा की तो कांग्रेस को छोड़कर पूरे विपक्ष ने मेज थपथपाकर फैसले का स्वागत किया। यहां तक कि जयललिता के धुर-विरोधी द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने भी निर्णय की तारीफ की। द्रमुक के अलावा डीएमडीके प्रमुख वाइको, भाकपा नेता डी. राजा और माकपा ने फैसले का स्वागत किया।
तमिलनाडु सरकार ने दोषी मुरुगन, सांतन और एजी पेरारिवलन के साथ ही अन्य चार दोषियों नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन की रिहाई के लिए केंद्र को तीन दिन का समय दिया है। बुधवार को जयललिता ने विधानसभा को बताया कि शीर्ष अदालत के फैसले के बाद उन्होंने विधि विशेषज्ञों से सलाह मशविरा किया। सभी दोषियों ने 1991 में गिरफ्तारी के बाद करीब 23 वर्ष जेल में बिता लिए हैं।
पढ़ें : जया की राजनीतिक चाल, रिहा होंगे राजीव के हत्यारे?
अब राज्य सरकार सीआरपीसी की धारा-453 के तहत अनिवार्य होने के चलते कैबिनेट के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजेगी। अगर केंद्र सरकार तीन दिन में फैसला नहीं देती, तो राज्य सरकार सीआरपीसी की धारा-432 के तहत मिली हुई शक्ति का इस्तेमाल कर सातों दोषियों को रिहा कर देगी।
हालांकि, राज्य कांग्रेस के नेता बीएस गनांदेसिकन ने फैसले को प्रतिस्पर्धी राजनीति करार दिया। गौरतलब है कि श्रीपेरंबदूर में 21 मई, 1991 को लिट्टे ने मानव बम का इस्तेमाल कर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। दोषियों में मुरुगन, सांतन, पेरारिवलन और नलिनी वेल्लूर केंद्रीय कारागर में कैद हैं।
पेरारिवलन की मां ने जयललिता को कहा शुक्रिया
राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी ठहराए गए एजी पेरारिवलन की मां ने बुधवार को कहा कि मामले के सभी दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से वह बेहद खुश हैं।
अरपुतमअम्मल ने कहा, 'मंगलवार को मैं थोड़ा खुश थी, लेकिन आज बेहद खुश हूं। अम्मा (जयललिता) दूसरी मां के दर्द को बहुत अच्छे से समझती हैं। उन्होंने मेरे दर्द को खत्म कर दिया है।' साथ ही कहा कि पेरारिवलन की मौत की सजा के उम्र कैद में बदलने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी उसकी रिहाई हो जाएगी। उन्होंने तहेदिल से जयललिता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलने का इंतजार कर रही हैं ताकि व्यक्तिगत रूप से उनका धन्यवाद अदा कर सकें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।