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    देश के आर्थिक विकास का कमजोर को नहीं मिल रहा लाभ: राहुल गांधी

    By anand rajEdited By:
    Updated: Tue, 02 Jun 2015 09:25 PM (IST)

    देश को अब उन ताकतों से कोई मतलब नहीं जो एक इंसान को दूसरे इंसान से नीचा साबित करने की कोशिश करती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जिंदगीभर जातिवाद के खिलाफ लड़े, लेकिन कुछ विचारधाराएं उनके सपने को पूरा नहीं होने दे रही हैं।

    नई दुनिया, इंदौर। देश को अब उन ताकतों से कोई मतलब नहीं जो एक इंसान को दूसरे इंसान से नीचा साबित करने की कोशिश करती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जिंदगीभर जातिवाद के खिलाफ लड़े, लेकिन कुछ विचारधाराएं उनके सपने को पूरा नहीं होने दे रही हैं।

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    एक-दूसरे से लड़वाने वाली विचारधारा हमें और हमारे देश को कमजोर कर रही है। देश का आर्थिक विकास तो हुआ पर इसका लाभ कमजोर वर्ग को नहीं मिल पा रहा। ये बातें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहीं। वे मंगलवार को मध्य प्रदेश के महू में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

    जातिवाद दिमाग में

    राहुल ने कहा कि देश को जातिवाद की सीमाओं से नहीं बांधा जा सकता। अभी भी देश में जाति के आधार पर इंसान-इंसान में फर्क करने वाली घटनाएं हो रही हैं। कुछ दिनों पहले एक युवक को अंबेडकर से जुड़े गाने की रिंगटोन लगाने पर हुए विवाद के बाद मार दिया गया था।

    आइआइटी कानपुर के कुछ छात्रों पर इसलिए कार्रवाई की जाती है कि वे अंबेडकर की विचारधारा से जुड़े हैं। आजादी के इतने साल बाद भी जातिवाद राजनीति और दिमाग में बसा हुआ है।

    तरक्की का फायदा सबको मिले

    देश की आíथक प्रगति हुई है, लेकिन जब तक लोगों को उनके अधिकारों से दूर रखा जाएगा तब तक देश पूरी क्षमता से विकास के मापदंड नहीं छू पाएगा। तरक्की का फायदा सभी को मिलना चाहिए। सभी वर्ग के लोगों को सरकारी-निजी कंपनियों में नौकरी मिले। वे भी बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करें, सीईओ बनें, तब सही मायनों में तरक्की होगी।

    उन्होंने कहा कि बाबा साहब कहते थे शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो। वे अत्याचार के खिलाफ विरोध के प्रतीक थे। आंबेडकर ने गांधी, नेहरू, सरदार बल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं के साथ देश की नींव रखी। उनकी विचारधारा का प्रभाव देश में हर तरफ दिखाई देता है। बाबा साहब के मिशन को पूरा करने की जिम्मेदारी सबकी है।

    जाति की दीवारें अब सहन नहीं होगी। ये बदलाव आसानी से नहीं आता। बाबा साहब भी जानते थे कि कमजोर वर्ग को दबाने के लिए हजारों साल से बनी दीवारें रातोंरात नहीं टूटेंगी। उन पर लगातार चोट करना होगी। कार्यक्रम को मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे, दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

    अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण

    राहुल दोपहर 12.30 बजे इंदौर से महू पहुंचे। वे सबसे पहले अंबेडकर स्मारक स्थल गए और बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे सर्किट हाउस गए और दो घंटे आराम किया। शाम पौने पांच बजे सभा स्थल पर पहुंचे और करीब 15 मिनट तक सभा को संबोधित किया।