नेट न्यूट्रिलिटी के बहाने राहुल गांधी का पीएम मोदी पर वार
नेट न्यूट्रिलिटी के बहाने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। नेट न्यूट्रिलिटी के पक्ष में खुलकर उतारते हुए राहुल ने केंद्र सरकार पर इस मुद्दे को चर्चा के बहाने जानबूझकर लटकाने का आरोप मढ़ा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेट न्यूट्रिलिटी के बहाने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। नेट न्यूट्रिलिटी के पक्ष में खुलकर उतारते हुए राहुल ने केंद्र सरकार पर इस मुद्दे को चर्चा के बहाने जानबूझकर लटकाने का आरोप मढ़ा। उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे एक संदेश में कटाक्ष किया कि 'डिटिजल इंडिया' बड़े सुदूर निगमों द्वारा संचालित इंटरनेट की 'मीठी मीठी बातें' नहीं बन सकता।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि 'नासकॉम ने नेट न्यूट्रिलिटी के लिए कहा है। 500 से अधिक स्टार्ट-अप उद्यमी इसकी मांग कर रहे हैं, भारत के युवा इसकी मांग कर रहे हैं, फिर भी हमारी सरकार बार-बार चर्चा के बहाने इस पर एक स्पष्ट नीति बनाने में देरी कर रही है।'
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने धीरे से दूसरा रास्ता सोचा और दूरसंचार कंपनियों ने शून्य रेटिंग योजना के माध्यम से दरों में अंतर की शुरूआत की। राहुल ने याद दिलाया कि वे संसद में भी इस विषय को जोरदारी से उठा चुके हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि डिजिटल इंडिया का मतलब होना चाहिए सार्वजनिक सुविधा के तौर पर, खुली और उत्पादक इंटरनेट कनेक्टिविटी। बकौल राहुल, 'हम मानते हैं कि इंटरनेट उपभोक्ताओं को किसी भी वेबसाइट पर जाने की आजादी होनी चाहिए, जिसे वे खोलना चाहें। इस तरह -वर्ल्ड वाइड वेब- पर एक समान अवसर होने चाहिए। हम एक सार्वजनिक इंटरनेट पर एक निजी मंच को नए डिजिटल विभाजन के अधिकार देने के खतरे को समझते हैं।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक बयान में कहा, 'डिटिजल इंडिया के साथ लोगों की इंटरनेट तक, पूरे इंटरनेट तक पहुंच और बढ़े और वेब पर मुख्य रूप से कोई फिल्टर नहीं लगना चाहिबए। 21वीं सदी में तरक्की के लिए भारत के लिए यह आवश्यक है। मैं गंभीरता के साथ उम्मीद करता हूं कि ट्राई की रिपोर्ट और मोदी सरकार लाखों भारतीयों की इस जरूरत का समर्थन करेंगे।'
राहुल ने कहा कि सरकार इस बात को स्वीकार करे कि इंटरनेट गरीबी उन्मूलन का एक शक्तिशाली साधन है जो असीम संभावनाएं पेश कर रहा है, चाहे मानसून की जानकारी चाह रहे किसान हों, बाजार में खरीददारों से संपर्क साधने वाले कारीगर हों या किसी ऑनलाइन पाठ्यक्त्रम में पंजीकरण कराने वाला ग्रामीण भारत का कोई छात्र हो, सभी के लिए अवसर होते हैं।
राहुल ने नेट न्यूट्रिलिटी का समर्थन कर रही सभी शक्तियों को अपना समर्थन भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने इंटरनेट की आजादी और नेट न्यूट्रिलिटी से जुड़े कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी और शोधकर्ताओं के लिए आसान नहीं रहे। उनके मुताबिक बाजार की भ्रामक चालों के बावजूद जनता को उपयोगी और प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के अभियान में शामिल रहे। राहुल ने उन्हें बधाई भी दी।