गुलाम कश्मीर में आजादी की मांग, पाक सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन
दशकों से जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान को अब पाक अधिकृत कश्मीर में इसी का सामना करना पड़ रहा है। गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे पीओके युवा अब नौकरियों में पाकिस्तानी युवाओं को तरजीह देने के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दशकों से जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान को अब पाक अधिकृत कश्मीर में इसी का सामना करना पड़ रहा है। गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे पीओके युवा अब नौकरियों में पाकिस्तानी युवाओं को तरजीह देने के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगे हैं। लेकिन युवाओं की आवाज दबाने के लिए पाकिस्तानी पुलिस बर्बरता पर उतर आई है। बुधवार को ऐसी ही एक रैली में शामिल युवाओं पर पुलिस का कहर टूट पड़ा। पीओके में पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ उठी आवाज पर भारतीय एजेंसियां नजर रखे हुए है।
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सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बुधवार को पीओके के कई हिस्से में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन शुरु हुए थे। प्रदर्शन में शामिल कश्मीरी युवा स्थानीय नौकरियों में पाकिस्तानी युवाओं को तरजीह देने का आरोप लगा रहे थे। प्रदर्शन में पहली बार पाकिस्तान से आजादी के नारे भी लगे। रैली में युवा 'हम कश्मीर बचाने निकलें हैं, आओ हमारे साथ चलो।' प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि इलाके में निकली नौकरियों में पाकिस्तानी युवाओं को ही मौका दिया जाता है और कश्मीरी युवाओं को नजरअंदाज किया जाता है।
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कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन और जम्मू कश्मीर नेशनल आवामी पार्टी के बैनर तले युवाओं ने पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों की दमनकारी नीति के खिलाफ जमकर नारे लगाए। जम्मू-कश्मीर में आजादी की मांग का समर्थन करने वाले पाकिस्तान का कहर अपनी धरती पर आजादी की मांग करने वाले कश्मीरी युवाओं पर टूट पड़ा। पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियोंपर भारी लाठीचार्ज का किया, जिसमें कई युवा जख्मी हो गए। इसके साथ ही उनमें से कई को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
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पीओके की स्थिति पर नजर रखने वाले सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के सौतेले व्यवहार को लेकर स्थानीय युवाओं में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है और ताजा विरोध प्रदर्शन इसी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भारत की तरफ कश्मीर घाटी में तेजी से विकास हो रहा है, जबकि पीओके की हालत बदत्तर होती जा रही है। इसके साथ ही अब वहां के स्थानीय लोग आतंकवादी संगठनों और सेना की दखलअंदाजी से भी परेशान हो गए हैं। आने वाले समय में पीओके में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों के और बढ़ने की आशंका है।

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