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    सहारनपुर दंगे की जांच: शिवपाल के सामने हंगामा, मारपीट

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    Updated: Sun, 03 Aug 2014 07:30 PM (IST)

    दंगे की जांच करने आए लोनिवि मंत्री शिवपाल यादव के सामने भीड़ ने जमकर हंगामा काटा। सर्किट हाउस में घंटे भर जमकर गाली गलोज, हंगामा और मारपीट हुई। शहर काजी के आवास पर भी भीड़ अशांत रही। आला अफसर चुपचाप खड़े हुए तमाशा देखते रहे।

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    सहारनपुर [जासं]। दंगे की जांच करने आए लोनिवि मंत्री शिवपाल यादव के सामने भीड़ ने जमकर हंगामा काटा। सर्किट हाउस में घंटे भर जमकर गाली गलोज, हंगामा और मारपीट हुई। शहर काजी के आवास पर भी भीड़ अशांत रही। आला अफसर चुपचाप खड़े हुए तमाशा देखते रहे।

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    मंत्री शिवपाल यादव की टीम सरसावा एयरपोर्ट से सीधे श्री गुरु सिंह सभा के गुरुद्वारे व विवादित स्थल पर पहुंची और सिखों की व्यथा सुनी। टीम के वापस लौटते वक्त सरदार जसवंत सिंह बतरा ने दंगा नियंत्रण को लेकर डीएम-एसएसपी का पक्ष लिया तो भीड़ ने उनसे माइक छीन लिया और गाली-गलोच करते हुए डीएम व एसएसपी पर दंगे को लेकर शिवपाल यादव समक्ष गंभीर आरोप लगाए। हंगामा बढ़ा तो टीम सर्किट हाऊस पहुंच गई।

    यहां सुबह से ही बड़ी संख्या में दंगा पीड़ित 'सरकार' को अपनी व्यथा सुनाने के लिए प्रार्थना पत्र लिए भटक रहे थे। पीड़ितों को सर्किट हाऊस के सभाकक्ष में बैठा दिया गया। घंटों इंतजार के बाद जांच टीम आई तो भीड़ ने इस बात को लेकर जमकर हंगामा काटा कि शिवपाल यादव की टीम पहले गुरुद्वारे क्यों गई। कुछ लोगों ने इस मामले में अफसरों का पक्ष लिया तो गाली-गलोच और मारपीट हो गई। इसी बीच हाजी खालिद, मौलाना कबीर, मौलाना सगीर ने कहा कि जब जांच टीम गुरुद्वारे जा सकती है तो हमारे धार्मिक स्थल पर क्यों नहीं जा सकती। उन्होंने जांच दल के बहिष्कार की बात कही तो फरियादी भी भड़क गए।

    राज्यमंत्री राजेंद्र राणा, अय्यूब अंसारी, उमर अली, आशु मलिक आदि ने समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ का गुस्सा बरकरार रहा। यह मसला सिरदर्द बना हुआ था कि सपा नेता मो. हुसैन जिलानी व राव सलीम भी प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाकर भिड़ गए। मंत्रियों को बीच बचाव करना पड़ा।

    माहौल को भांप आखिरकार शिवपाल यादव सभाकक्ष में आए और पीड़ितों की फरियाद सुनी। इसी दौरान फिर हंगामा खड़ा हो गया। पूर्व सभासद मंसूर बदर के कहने पर कि लोग संयम से काम लेते तो दंगा नहीं होता, कई लोग भड़क गए और विरोध करना शुरु कर दिया। शिवपाल यादव ने खड़े होकर माइक संभाला तो मुआवजे को लेकर लोगों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। अराजकता देख शिवपाल यादव अपनी बात कहकर सभा कक्ष से बाहर आ गए। फरियादी चिल्लाते रहे पर शिवपाल ने उनकी एक नहीं सुनी। सपा कार्यकर्ता व दंगा पीड़ित अपनी बात रखने को इतने उत्तेजित थे कि मंत्री राजेंद्र राणा तक से उलझने को तैयार हो गए।

    जांच टीम सर्किट हाऊस से सीधे शहर काजी सुल्तान अख्तर के आवास पर पहुंची। शिवपाल यादव ने शहर काजी से मुलाकात कर यहां आए पीड़ितों की बात सुनीं। यहां भी हंगामाखेज माहौल रहा तो टीम आनन-फानन में चली गई।

    दवा दो माह बाद मिली तो नहीं दूर होगा दर्द

    सपा सरकार की ओर से दंगे की जांच के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष व मंत्री शिवपाल सिंह यादव को दीवान हाल में श्री गुरु सिंह सभा के पूर्व प्रधान हरेंद्र सिंह चड्ढा ने बताया कि 26 जुलाई को मस्जिदों से ऐलान कर भीड़ को एकत्र किया गया। इस भीड़ ने गुरुद्वारा साहिब व उनकी दुकानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया। सुबह चार बजे हजारों लोगों ने लूटपाट कर दुकानों में आगजनी की। सबसे ज्यादा नुकसान अंबाला रोड पर हुआ। सिख पंजाबी समाज का करीब 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दंगे में मारे गए व्यापारी हरीश कोचर के परिवार के लिए मुआवजा राशि दस लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख की जाए।

    श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान बलबीर सिंह धीर ने कहा कि 26 जुलाई को सहारनपुर में नंगा नाच हुआ। दवा दो माह बाद मिलेगी तो दर्द दूर नहीं होगा। इस पर शिवपाल ने विश्वास दिलाया कि पक्षपात नहीं होगा और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा मिलेगा।

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