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    एंटनी समिति की बैठक में चव्हाण ने पेश की चुनाव की कार्य योजना

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    Updated: Sun, 29 Jun 2014 11:25 AM (IST)

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता वाली एआइसीसी की एक समिति की बैठक में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर कार्य योजना पेश की। इसके साथ ही चव्हाण ने चुनाव में सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जुलाई से पहले पूरा करने की मांग

    नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता वाली एआइसीसी की एक समिति की बैठक में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर कार्य योजना पेश की। इसके साथ ही चव्हाण ने चुनाव में सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जुलाई से पहले पूरा करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार सहित लंबित फैसलों को भी जल्द से जल्द पूरा किए जाने की मांग की।

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    उधर, बैठक में राज्य के कुछ नेताओं ने आलाकमान से कहा कि अक्टूबर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की हालत बेहतर नहीं रहेगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हुई करारी शिकस्त के कारणों का पता लगा रही समिति को मुख्यमंत्री के विरोधियों के साथ-साथ पीसीसी प्रमुख माणिकराव ठाकरे ने कहा कि राज्य नेतृत्व का समय पर सचेत होने में विफल रहना पार्टी पर भारी पड़ा।

    एंटनी के नेतृत्व वाली समिति ने पार्टी के महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के नेताओं से मुलाकात की। कांग्रेस को दोनों राज्यों में दो-दो सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, जबकि मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं।

    चव्हाण समर्थकों की दलील थी कि नरेंद्र मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के तुरंत बाद पार्टी द्वारा चुनाव पूर्व कराए गए सर्वेक्षण में स्थिति खराब रहने की बात साफ हो गई थी, जिसमें कहा गया था कि एनडीए को 54 फीसदी लोगों का समर्थन मिलेगा, जबकि सत्तारूढ़ यूपीए को 36 फीसदी लोगों का समर्थन मिलेगा। यह अंतर चुनाव के नजदीक आते-आते और बढ़ गया।

    चव्हाण समर्थकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के विरोधियों ने समिति से शिकायत की कि उम्मीदवारों को राज्य नेतृत्व से ऐसे समय पर पर्याप्त संसाधन नहीं मिला, जब एनडीए का प्रचार आक्रामक तरीके से चल रहा था। चव्हाण सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने को बहुत कुछ नहीं था।

    कांग्रेस में लोकसभा चुनावों में पराजय के बाद से घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री के विरोधियों नारायण राणे और अशोक चव्हाण पर्याप्त संकेत दे रहे हैं कि अगर मुख्यमंत्री को नहीं बदला गया, तो आगामी विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सत्ता में आएगी।

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