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    विपक्ष के अडि़यल रुख से लाने पड़े अध्यादेश

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Fri, 30 Jan 2015 08:22 PM (IST)

    अध्यादेश जारी करने को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नाखुशी पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू का कहना है, 'हम भी अध्यादेश लाने को ठीक नहीं मानते, लेकिन विपक्ष को भी संसद ठीक से चलने देना चाहिए ताकि व्यापक विचार-विमर्श व बहस के बाद

    नई दिल्ली। अध्यादेश जारी करने को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नाखुशी पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू का कहना है, 'हम भी अध्यादेश लाने को ठीक नहीं मानते, लेकिन विपक्ष को भी संसद ठीक से चलने देना चाहिए ताकि व्यापक विचार-विमर्श व बहस के बाद विधेयक पारित हो सकें और कानून बन सके।' उनके अनुसार राष्ट्रपति की चेतावनी विपक्षी दलों के लिए भी साफ संदेश देने वाला है। विपक्ष को संसद ठीक तरीके से चलने देना चाहिए।

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    संसदीय कार्य मंत्री शुक्रवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। बकौल वेंकैया, 'राष्ट्रपति ने कहा था कि यह बेहतर होगा कि संसद सुचारू रूप से चले और विभिन्न मसलों पर फैसला ले। हम राष्ट्रपति के इस विचार से सहमत हैं।' गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह मसला उठाया था। अध्यादेशों को बार-बार लागू करने पर अपनी चिंता जताते हुए प्रणब ने कहा था कि बिना विचार-विमर्श के कानून लागू करना संसद के कानून बनाने की भूमिका को प्रभावित करता है। यह न तो लोकतंत्र के लिए अच्छा है और न ही संबंधित कानून से जुड़ी नीतियों के लिए।

    नायडू ने कहा, 'अध्यादेश लागू करना असाधारण बात है। सामान्य स्थितियों में यह कोई अच्छी बात नहीं है, यह बात मैं संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते कह रहा हूं। लेकिन यदि सदन को चलने नहीं दिया जा रहा हो, तब ऐसी असाधारण स्थिति में देश इंतजार नहीं कर सकता।'

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