जेटली समेत तीन को सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान
तल्खी, तीखी बहस और नारेबाजी से अलग संसद परिसर में मंगलवार को माहौल कुछ जुदा था। एक-दूसरे पर छींटाकशी के बजाय खुशगवार माहौल में दलगत राजनीति से हटकर सांसदों की खुले दिल से तारीफ की गई। मौका था वित्त मंत्री अरुण जेटली, वरिष्ठ सांसद डा. कर्ण सिंह और जदयू अध्यक्ष शरद यादव को सर्वश्रेष्ठ सांसद के तौर पर सम्मानित करने का।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तल्खी, तीखी बहस और नारेबाजी से अलग संसद परिसर में मंगलवार को माहौल कुछ जुदा था। एक-दूसरे पर छींटाकशी के बजाय खुशगवार माहौल में दलगत राजनीति से हटकर सांसदों की खुले दिल से तारीफ की गई।
मौका था वित्त मंत्री अरुण जेटली, वरिष्ठ सांसद डा. कर्ण सिंह और जदयू अध्यक्ष शरद यादव को सर्वश्रेष्ठ सांसद के तौर पर सम्मानित करने का।
संसद की लाइब्रेरी स्थित बालयोगी आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की मौजूदगी में 2010, 2011 और 2012 के लिए चुने गए सर्वश्रेष्ठ सांसदों क्रमश: अरुण जेटली, डा. कर्ण सिंह और शरद यादव को सम्मानित किया। तीनों सांसदों ने अपने अनुभव बांटे और इस पल के लिए धन्यवाद अदा किया। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
इस मौके पर सबसे दिलचस्प था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वक्तव्य। उन्होंने संसद की चर्चाओं में विनोद और व्यंग्य खत्म होते जाने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने पुराने समय का उदाहरण देते हुए उस माहौल को फिर से जीवित करने को कहा। साथ ही रिपोर्टिग में मीडिया की समझ पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि तीखापन न प्रभाव पैदा कर सकता है, न प्रेरणा दे सकता है। प्रधानमंत्री ने संसद की कार्यवाही पर जनता के बीच सर्वेक्षण की बात भी कही और कहा कि हो सकता है कि उससे हमें आंखें खोलने वाली जानकारी मिले।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ सांसदों की परंपरा का जिक्र करते हुए भाजपा के शीर्षस्थ नेता अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ मंच पर मौजूद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विशेष रूप से जिक्र किया। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदय से मिलते हैं तो इतनी जानकारियां मिलती हैं। हर सांसद के मन में ऐसे महानुभावों से सीखने की इच्छा होती है। प्रधानमंत्री की दिल खोलकर की गई तारीफ के बाद दादा ने भी कोई कमी नहीं बरती। तत्काल सम्मानित सांसदों से जुड़े ढेरों संस्मरण सुना डाले। साथ ही संसदीय प्रणाली में चार दशक से ज्यादा गुजारने वाले दादा की टीस भी उभरी।
उन्होंने कहा कि जब लोग कहते हैं कि उनको मेरी कमी महसूस होती है तो मैं यह कहना चाहता हूं कि ऐसा ही कुछ हाल मेरा भी है। राष्ट्रपति ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, सोमनाथ चटर्जी, इंद्र कुमार गुजराल ऐसे नेता थे, जिन्होंने एक सांसद के रूप में सदन की गरिमा को नए आयाम दिए।
तीनों सर्वश्रेष्ठ सांसदों पर राष्ट्रपति
अरुण जेटली (2010)
वित्त मंत्री अरुण जेटली जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली में मुखिया थे, तबसे उन्हें जानता हूं। उनके जैसे सौम्य और तेज दिमाग वाले सांसद बिरले ही होते हैं।
डा. कर्ण सिंह (2011)
डा. कर्ण सिंह ने पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे दिग्गज के साथ नई उम्र में इतिहास को बदलते हुए देखा था। साथ ही वे कश्मीर जैसे मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभा रहे थे।
शरद यादव (2012)
ईमानदारी और बात का धनी कैसा होता है, इसके साक्षात उदाहरण शरद बाबू हैं। पांचवीं लोकसभा 1971 से 76 तक थी। जब उसे दो साल के लिए बढ़ाया गया, तो शरद बाबू ने इस्तीफा दे दिया था।
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