मोबाइल पर फ्री में देखने को मिलेंगे चैनल
सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन 20 फ्री टू एयर चैनलों का सीधे मोबाइल पर प्रसारण करने की योजना बना रहा है। दूरदर्शन की निजी मीडिया समूहों के साथ मिलकर अगले साल तक मोबाइल पर यह सुविधा देने की योजना है। प्रसार भारती के सीईओ जे. सिरकर ने सीआइआइ की बिग पिक्चर समिट से इतर पत्रकारों को बताया कि फिलहाल डिश, केबल औ
नई दिल्ली। सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन 20 फ्री टू एयर चैनलों का सीधे मोबाइल पर प्रसारण करने की योजना बना रहा है। दूरदर्शन की निजी मीडिया समूहों के साथ मिलकर अगले साल तक मोबाइल पर यह सुविधा देने की योजना है।
प्रसार भारती के सीईओ जे. सिरकर ने सीआइआइ की बिग पिक्चर समिट से इतर पत्रकारों को बताया कि फिलहाल डिश, केबल और एंटीना के विकल्प हैं। चौथे विकल्प के रूप में डिजिटल एंटीना देने का विचार है। इसके तहत 20 मुफ्त चैनल इसी साल से टीवी पर देखे जा सकेंगे। अगले साल से ये मोबाइल पर उपलब्ध होंगे। मोबाइल फोन पर चैनल दिखाने की सुविधा की शुरुआत मुंबई और दिल्ली से होगी।
सभी फ्री टू एयर चैनलों को डीटीएच प्लेटफॉर्म के जरिये दिखाया जाएगा। साथ ही अन्य निजी कंपनियों से भी साझेदारी आमंत्रित की जाएगी। इसे एक डोंगल के जरिये इस्तेमाल किया जा सकेगा। जब मोबाइल कंपनियों को लगेगा कि यह प्रचलित हो रहा है तो वे मोबाइलों में इस सेवा को जोड़ सकती हैं।
ऑफिस, यात्रा में भी देखें टीवी
सिरकर ने कहा कि ऑफिस में काम के दौरान करीब 10-12 घंटे टीवी नहीं देख पाते। इस दौरान ज्यादातर काम टैबलेट और मोबाइल फोन पर होता है। कई लोग रोजाना यात्रा करते हैं। वे लोग मोबाइल पर चैनलों का लुत्फ उठा सकेंगे। बशर्ते उनकी बैटरी काम करती रहे। उन्हें कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। इस सेवा को विज्ञापन आधारित बनाया जाएगा।
कैसे होगा उपयोग
इसके लिए दूरदर्शन दूसरी पीढ़ी की डिजिटल वीडियो ब्रॉडकास्ट (डीवीबी-टी-2 लाइट) तकनीक का इस्तेमाल करेगा। यह तकनीक फिलहाल डोंगल के तहत इस्तेमाल में लाई जाती है। इसके तहत टीवी टावर तक सीधे सिग्नल भेजे जाते हैं। टीवी देखने के लिए किसी मोबाइल इंटरनेट की जरूरत नहीं होती। इसके लिए मोबाइल में एक एप्लीकेशन दिया जाएगा। यह टीवी सेवा को मोबाइल फोन पर उपलब्ध करा देगा।
44 देशों में चल रही है सेवा
इस तरह की सेवा यूरोपीय देशों में काफी प्रचलित है। इसकी लागत भी बेहद कम आती है। इसी वजह से प्रसार भारती इस योजना को लागू करना चाहता है। फिलहाल दुनिया के करीब 44 देशों में इस तकनीक के जरिये मोबाइल पर टीवी चैनल उपलब्ध हैं। एक आकलन के मुताबिक इस साल के आखिर तक भारत में स्मार्टफोनों की संख्या 22 करोड़ 50 लाख हो जाएगी। यह आंकड़ा 18 से 19 करोड़ के बीच रहने की तो पूरी संभावना है, जो कई देशों की आबादी से अधिक है।