असहिष्णुता को लेकर प्रणब ने किया आगाह, राष्ट्रपति के रूप में आखिरी संबोधन
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी देश के नाम अपने आखिरी संबोधन में भी याद दिलाना नहीं भूले कि भारत की आत्मा सहिष्णुता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। समाज में बढ़ते विद्वेष को लेकर आगाह करते रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी देश के नाम अपने आखिरी संबोधन में भी याद दिलाना नहीं भूले कि भारत की आत्मा सहिष्णुता है। उन्होंने लोगों से अङ्क्षहसा की शक्ति को मजबूत कर मजबूत समाज का निर्माण करने की अपील की है।
सोमवार की शाम प्रणब ने कहा कि अब वह एक सामान्य नागरिक होंगे। लेकिन, इतना संतोष है कि पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने संविधान को संरक्षित करने की कोशिश की हैै। इसी क्रम में उन्होंने समाज में बिखराव पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, 'हर दिन हम ङ्क्षहसा का बढ़ता हुआ रूप देख रहे हैैं... इसके केंद्र में भय और आपसी अविश्वास है।' उन्होंने आगाह किया कि भारत एक भौगोलिक क्षेत्र भर नहीं बल्कि विभिन्न सोच, विचारधारा और दर्शन का मिलन है। विभिन्न संस्कृति, धर्म, विश्वास और भाषा ने भारत को खास बनाया है। सहिष्णुता हमें ताकत देती है। हम किसी से सहमत हों या असहमत, लेकिन बहुलतावाद को नकार नहीं सकते हैैं। इस क्रम में उन्होंने महात्मा गांधी को भी उद्धृत किया। प्रणब ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी सीख दी और शिक्षा में सुधार को भी जरूरी बताया। प्रणब ने कहा कि उनके कार्यकाल को तो इतिहास परखेगा, लेकिन उनके लिए संविधान पवित्र ग्रंथ रहा है, संसद मंदिर और लोगों की सेवा अभिलाषा रही है।
मोदी ने प्रणब को फिर पिता तुल्य बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक बार फिर अपने पिता समान बताया है। सोमवार को एक कार्यक्रम में प्रणब को विदाई देते हुए मोदी ने कहा, 'हम अलग-अलग विचारधाराओं में पले-बढ़े हैैं। अनुभव में प्रणब मुझसे कहीं ज्यादा आगे हैैं। लेकिन, तीन सालों में उन्होंने कभी भी मुझे इसका अहसास नहीं होने दिया। हर वक्त उन्होंने एक गाइड की तरह सुझाव दिया और समर्थन दिया।' कुछ दिन पहले भी उन्होंने प्रणब को पिता समान बताया था। मोदी ने प्रणब के साथ आपसी तालमेल का एक उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, 'प्रणब राष्ट्रपति हैैं। लेकिन, उन्होंने मुझसे कहा था कि आपको जनता ने चुनकर भेजा है। आप में विश्वास जताया है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रणब से बहुत कुछ सीखा जो भविष्य में उनके काम आएगा।
आज शपथ लेंगे कोविंद
देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को पद की शपथ लेंगे। उनको दोपहर 12.15 पर संसद के केंद्रीय कक्ष में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर शपथ दिलाएंगे। 14वें राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शपथ ग्रहण समारोह में सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी न्योता दिया गया है।
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