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    आधुनिक होंगे बंदरगाह, जल परिवहन को मिलेगी रफ्तार

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Mon, 29 Feb 2016 11:25 PM (IST)

    परिवहन लागत घटाने के लिए सरकार जल परिवहन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए बजट में राष्ट्रीय जलमार्गो के विकास के साथ बंदरगाहों के आधुनिकीकरण व शिप बिल्डिंग कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कर रियायतों व प्रोत्साहनों का एलान किया गया है।

    नई दिल्ली। परिवहन लागत घटाने के लिए सरकार जल परिवहन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए बजट में राष्ट्रीय जलमार्गो के विकास के साथ बंदरगाहों के आधुनिकीकरण व शिप बिल्डिंग कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कर रियायतों व प्रोत्साहनों का एलान किया गया है।

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    वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2015 में भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने अब तक की सर्वाधिक कारगो हैंडलिंग की। बंदरगाहों की क्षमता में भी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई। अब हमने बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और कार्यकुशलता बढ़ाने पर काम शुरू किया है।

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    इस सिलसिले में कई कदम उठाए जा चुके हैं जिनमें सागरमाला परियोजना की शुरुआत प्रमुख है। इसके अलावा पूर्वी और पश्चिमी तटों पर नए ग्रीनफील्ड बंदरगाह विकसित करने की योजना भी बनाई जा रही है। राष्ट्रीय जलमार्गो के विकास को भी रफ्तार दी गई है। इसके लिए 800 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। जबकि सागरमाला प्रोजेक्ट के लिए बजट में 1771 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

    शिप रिपेयर पर कर राहत

    -बजट में शिप रिपेयर व इस काम से जुड़ी इकाइयों को पूंजीगत उपस्करों, पुर्जो, कच्चे माल पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का एलान किया गया है।

    -शिप रिपेयर यूनिटों को बेसिक कस्टम ड्यूटी, सीवीडी व एसएडी से छूट प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी वास्तवित उपयोक्ता की शर्त पर आसान बना दिया गया है।

    -शिपिंग के काम आने वाली कुछ मशीनों के आयातकों व निर्यातकों को आयात शुल्क के विलंबित भुगतान के लिए कस्टम एक्ट में संशोधन किया जा रहा है। अब ज्यादा निर्यातकों को डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी की सुविधा मिलेगी।

    -बंदरगाहों व हवाई अड्डों के निर्माण के संबंध में 1 मार्च 2015 से पहले हुए अनुबंधों पर रिटेल सेल प्राइस आधारित उत्पाद शुल्क निर्धारण से छूट बहाल।