आतंकी निशाने पर हैं बंदरगाह व तटीय इलाके
सरकार ने माना है कि मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिस तरह से आतंकी समुद्री रास्ते के जरिये भारत आए थे, उस तरह का खतरा अभी भी बरकरार है। गृह राज्यमंत ...और पढ़ें

नई दिल्ली। सरकार ने माना है कि मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिस तरह से आतंकी समुद्री रास्ते के जरिये भारत आए थे, उस तरह का खतरा अभी भी बरकरार है।
गृह राज्यमंत्री एम रामचंद्रन ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि बंदरगाह और तटीय इलाके पड़ोसी देश में सक्रिय आतंकियों के निशाने पर हैं।
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर रामचंद्रन ने कहा कि पड़ोसी देश में कानून व्यवस्था की लचर स्थिति के मद्देनजर इस आशय की आशंका बलवती हैं। समुद्री रास्तों के जरिये दहशतगर्दो की आमद की संभावना के चलते तटीय इलाकों और बंदरगाहों की सुरक्षा पर हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि दुश्मन की कुत्सित चाल को नाकाम करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं।
सिख आतंकवाद को उभारने की कोशिश में आइएसआइ
सरकार ने यह भी सूचित किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ पंजाब में सिख आतंकवाद को फिर से उभारने की कोशिश में है। गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह के अनुसार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे संदेश पकड़े हैं, जिनसे स्पष्ट है कि सिख आतंकवाद फैलाने के लिए आइएसआइ ने भारत विरोधी खालिस्तान समर्थक तत्वों को आर्थिक और रणनीतिक मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की हर हरकत पर सरकार की बारीक नजर है। सुरक्षा एजेंसियां आइएसआइ की हर चाल को नाकाम करने में सक्षम हैं। प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल को पाकिस्तान व ब्रिटेन स्थित संगठनों से फंड मिलने के मामले की एनआइए जांच कर रही है।
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