पीएम के खिलाफ विपक्ष के साथ पूर्व अफसर भी हुए एकजुट
नई दिल्ली [जाब्यू]। कोयला घोटाले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ हुई एफआइआर के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर घेरा बढ़ गया है। मुख्य विपक्ष भाजपा ने जहां प्रधानमंत्री पर भी कार्रवाई की मांग की। वहीं पारेख के समर्थन में उतरे कुछ पूर्व अधिकारियों ने भी परोक्ष रूप से जता दिया कि मं
नई दिल्ली [जाब्यू]। कोयला घोटाले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ हुई एफआइआर के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर घेरा बढ़ गया है। मुख्य विपक्ष भाजपा ने जहां प्रधानमंत्री पर भी कार्रवाई की मांग की। वहीं पारेख के समर्थन में उतरे कुछ पूर्व अधिकारियों ने भी परोक्ष रूप से जता दिया कि मंत्रियों को छोड़कर अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ना देश के लिए खतरनाक है।
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सरकार की ओर से यूं तो मनमोहन की ईमानदारी का हवाला देते हुए बचाव की कोशिशें तेज हो गई है। लेकिन विपक्ष की ओर से भी हमला तेज हो गया है। भाजपा ने पहले भी मनमोहन के इस्तीफे की मांग की थी। गुरुवार को शाहनवाज हुसैन ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में ए राजा मंत्री होने के नाते ही जिम्मेदार ठहराए गए थे। फिर कोयला मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद भी मनमोहन अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकते हैं। सिर्फ उद्योगपति और अधिकारियों पर ठीकरा फोड़कर वह नहीं बच सकते हैं। उनकी पूरी जांच होनी चाहिए।
वहीं पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम और पूर्व कोयला सचिव ईएएस सरना पारेख के बचाव में उतरे। सरना ने पारेख की ईमानदारी का दावा करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि वह सतर्कता आयुक्त को भी दो बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन इस बाबत चुप्पी है। सुब्रमण्यम ने भी सरना के ही सुर में सरकार को चेताया कि अधिकारियों को प्रताड़ित किया गया तो सरकार की छवि और निर्णय की प्रक्रिया ध्वस्त हो जाएगी जो देश के लिए खतरनाक साबित होगा। वहीं पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त एन विट्टल ने पारेख को आरोपी बनाए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ अपने ही चार्टर का पालन नहीं कर रही।
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