रिपोर्ट में खुलासा, पुलिस की पिटाई ने भड़कायी हरियाणा में जाट हिंसा
प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट ने जाट आंदोलन के दौरान भड़की जाट हिंसा के लिए पुलिस और अन्य चीजों को कसूरवार ठहाराया है। ...और पढ़ें
चंडीगढ़। जाट हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए बनाई गई प्रकाश सिंह समिति ने जाट आंदोलन और उनसे जुड़ी कई चीजों को शामिल कर उसे अपनी रिपोर्ट के जरिए सरकार के पास भेजा है।
प्रकाश सिंह समिति ने यह आरोप लगाया है कि इस साल 17 फरवरी को रोहतक में छात्रों पर किए गए पुलिस हमले और समुदायों के बीच दो सामान्य झड़प ने माहौल को पूरी तरह बिगाड़ दिया, जिसके चलते हरियाणा में भड़की जाट हिंसा के दौरान करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी।
अंग्रेस अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल ने रोहतक में छात्रों के ऊपर पुलिस ज्यादती को बड़ी वजह करार देते हुए कहा कि इसी के चलते जाटों का प्रदर्शन उग्र रूप ले लिया था। यहां पर गौर करनेवाली बात ये है कि छात्रों पर पुलिस हमले से करीब एक हफ्ते पहले तक जाट प्रदर्शनकारियों की तरफ से हरियाणा के कुछ हिस्सों में केवल सड़क जाम और प्रदर्शन किए जाते रहे। लेकिन, किसी तरह का कोई हिंसक रूप नहीं लिया था।
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समिति ने अपनी रिपोर्ट में 18 फरवरी को हुई तीन घटनाओं को जाट हिंसा के लिए कसूरवार बताया है। पहला, करीब 25 से 30 जाट वकीलों का जाट आरक्षण विरोधी 150 से 200 प्रदर्शन करनेवाले लोगों से उस वक्त झड़प हो गई जब उन प्रदर्शनकारियों ने रोहतक कोर्ट कॉम्पलैक्स के पास सड़क को जाम कर दिया। दोनों ही तरफ से एक दूसरे पर पत्थरबाजी हुई और प्लास्टिक की कुर्सियां फेंकी गई। स्थानीय बाजार एसोसिएशन प्रमुख बिट्टू सचदेवा जाट आरक्षण विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे।
पैनल रिपोर्ट के मुताबिक, जब जाट वकीलों का गुस्सा शांत हुआ कि अचानक जाट समुदाय के करीब 200 से 250 छात्रों और वकीलों के समूह अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राज्य युवा प्रेसिडेंट सुदीप काल्लक के नेतृत्व में उस जगह पर पहुंच गए। वहां पर जाट आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जाटों के बड़े नेता रहे सर छोटू राम की मूर्ति तोड़े जाने की अफवाहों के बीच चार मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। ये दूसरी घटना थी जिसके चलते जाट हिंसा भड़की।
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तीसरी घटना जाट वकीलों की पिटाई के बाद जाट छात्रों की तरफ से चार अलग-अलग जगहों पर किए गए सड़क जाम को हटाने के लिए पुलिस की तरफ से जवानों का इस्तेमाल करना था। उसके बाद, रोहतक के डीएसपी अमित दहिया ने अपने पुलिस बल के साथ नेकी राम सरकार कॉलेज के छात्रावास में जाकर वहां पर छात्रों को बुरी तरह पीटा। ये जाट हिंसा की चिंगारी भड़कने की आखिरी घटना थी।

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