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    जलवायु परिवर्तन पर विश्व का नेतृत्व करे भारत : मोदी

    By anand rajEdited By:
    Updated: Tue, 07 Apr 2015 12:13 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर पश्चिमी देशों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग इस मुद्दे की वकालत करते हैं उनके मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि जो देश स्वच्छ ऊर्जा की वकालत करते हैं, वे भारत को परमाणु ईंधन नहीं देते।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर पश्चिमी देशों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग इस मुद्दे की वकालत करते हैं उनके मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि जो देश स्वच्छ ऊर्जा की वकालत करते हैं, वे भारत को परमाणु ईंधन नहीं देते। इस मौके पर सरकार ने राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) जारी किया है। यह सूचकांक दस शहरों दिल्ली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, फरीदाबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद की हवा का हाल बताएगा।

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    राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कहा कि भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार करके अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा। भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन काफी कम है। भारत प्राचीन समय से ही प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करता रहा है। उन्होंने कहा कि जो देश कार्बन उत्सर्जन कम करने की वकालत करते हैं, उनके मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर है।

    भारतीय संस्कृति में जलवायु का महत्व :

    मोदी ने परंपरागत कहानियां सुनाकर भारतीय संस्कृति में जलवायु परिवर्तन के महत्व को समझाया। मोदी ने कहा कि प्राचीन समय से ही भारत में प्रकृति और पेड़-पौधे की पूजा के रूप में लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित थे।

    दस शहरों की हवा कितनी प्रदूषित :

    केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) जारी किया है। प्रधानमंत्री ने दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन पर यह सूचकांक लांच किया। शुरू में यह सूचकांक 10 शहरों की हवा का हाल बताएगा। अगले चरण में सरकार 46 अन्य बड़े शहरों व 20 राज्यों की राजधानियों में भी ऐसे सूचकांक जारी करेगी। प्रत्येक शहर में जगह-जगह निगरानी केंद्र लगाए जाएंगे जो निरंतर वायु प्रदूषण के स्तर पर नजर रखेंगे।

    सूचकांक के पीछे आइआइटी कानपुर :

    वायु प्रदूषण की निगरानी वाले इस सूचकांक को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के परामर्श से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार किया है। फिलहाल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देश के 244 शहरों में वायु प्रदूषण की निगरानी कर रहे हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली के प्रदूषण पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक बुलाई है।

    मलबे पर नियम जारी करेगी सरकार :

    दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक स्रोत निर्माण कार्य का मलबा है। सरकार 15 दिन के भीतर निर्माण कार्य के मलबा के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगी। अगर दिल्ली मेट्रो कंस्ट्रक्शन मलबा का ठीक प्रबंधन कर सकती है तो बाकी एजेंसियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं?

    वायु प्रदूषण के आठ तत्वों पर नजर :

    पीएम टेन, पीएम 2.5, सल्फर डाई आक्साइड (एसओटू), कार्बन मोनो आक्साइड (सीओ), आक्साइड (ओ थ्री), अमोनिया और शीशा। हवा में इन तत्वों की मौजूदगी की जानकारी 24 घंटे रीयल टाइम में मिलेगी।

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