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सिर्फ बातचीत तक नहीं रहेगी मोदी की चीन यात्रा

नई दिल्ली से बुधवार देर रात तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार सुबह चीन के शहर शियान पहुंचे। यहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एयरपोर्ट पर मोदी का भव्य स्वागत किया। चीन के बाद पीएम मंगोलिया और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे। इस बात के पुख्ता संकेत हैं

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 13 May 2015 11:17 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2015 11:39 AM (IST)
सिर्फ बातचीत तक नहीं रहेगी मोदी की चीन यात्रा

नई दिल्ली। नई दिल्ली से बुधवार देर रात तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार सुबह चीन के शहर शियान पहुंचे। यहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एयरपोर्ट पर मोदी का भव्य स्वागत किया। चीन के बाद पीएम मंगोलिया और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे। इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि मोदी की यह यात्रा चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्ते को नया आयाम देने वाली साबित होगी।

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मोदी के चीन पहुंचने से एक दिन पहले दोनों देशों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इस यात्रा को सफल बनाने की हर मुमकिन कोशिश होगी। मोदी सरकार चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्ते को कितना अहमियत दे रही है यह इस तथ्य से पता चलता है कि जुलाई, 2014 के बाद मोदी व चिनफिंग तीसरी बार द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। मोदी चीन के अलावा मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर भी जाएंगे।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मोदी और चिनफिंग व्यक्तिगत स्तर पर एक केमिस्ट्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि चिनफिंग ने भारत यात्रा की शुरुआत मोदी के गृह राज्य गुजरात (अहमदाबाद) से की तो मोदी भी चीन यात्रा के दौरान सबसे पहले चिनफिंग के गृह राज्य शान्कसाइ से जा रहे हैं। मोदी और चिनफिंग दोनों के कार्यकाल के ये शुरुआती दिन हैं और वह एक दूसरे की अहमियत को बखूबी समझ रहे हैं। यही वजह है कि दोनों लगातार बातचीत करने का सिलसिला बनाए रखना चाहते हैं। बहुत संभव है कि मोदी के इस दौरे में यह भी तय हो जाए कि अगली बार दोनो नेता कहां मिलेंगे।

जानकारों के मुताबिक मोदी और चिनफिंग की केमिस्ट्री चीन और भारत के द्विपक्षीय रिश्तों के फंसे पेंच को सुलझाने में अहम साबित हो सकती है। मोदी और चिनफिंग के बीच होने वाली बातचीत में द्विपक्षीय कारोबार और निवेश प्राथमिकता पर रहेगा लेकिन सीमा विवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी गंभीर बातचीत होगी। सीमा विवाद को लेकर सितंबर, 2014 में नई दिल्ली में हुई बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा।

तब दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी थी कि रणनीतिक लक्ष्य बना कर सीमा विवाद को सुलझाने का काम होगा। इस बार मोदी और चिनफिंग के बीच इस रणनीतिक लक्ष्य पर ठोस बातचीत होगी। इसी तरह से पिछली बार दोनों नेताओं की देखरेख में थल, जय व वायु सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास करने पर बातचीत की शुरुआत हुई थी। इस बार सैन्य अभ्यास कार्यक्रम का रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसके अलावा पर्यटन, कृषि उत्पादों के कारोबार व खान व खनिज क्षेत्र में भी अहम समझौते होंगे।

मोदी-चिनफिंग वार्ता का एजेंडा

1. सीमा विवाद सुलझाने के लिए रणनीतिक लक्ष्य बनाना

2. व्यापार असंतुलन को ठीक करने के उपाय

3. भारतीय उत्पादों के लिए चीन का बाजार खोलना

4. संयुक्त सैन्य अभ्यास का रोडमैप बनाना

5. संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी भूमिका पर समर्थन

6. भारत-बांग्लादेश-म्यंमार-चीन के बीच औद्योगिक कॉरीडोर बनाना

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चीन से निवेश का रास्ता होगा साफ


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