चीन से निवेश का रास्ता होगा साफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्र के दौरान सीमा विवाद को लेकर भले ही कोई सहमति न बने, लेकिन आर्थिक मुद्दों पर दोनो देश कुछ अहम घोषणा कर सकते हैं। खास तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले वर्ष की भारत यात्र के दौरान यहां 20 अरब डॉलर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्र के दौरान सीमा विवाद को लेकर भले ही कोई सहमति न बने, लेकिन आर्थिक मुद्दों पर दोनो देश कुछ अहम घोषणा कर सकते हैं। खास तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले वर्ष की भारत यात्र के दौरान यहां 20 अरब डॉलर के निवेश प्रस्तावों को अमली जामा पहनाने संबंधी रोडमैप की घोषणा की जा सकती है। इसके साथ ही मोदी चीन के नेताओं के सामने भारतीय निर्यात की राह में आने वाली अड़चनों का मुद्दा भी उठा सकते हैं।
शिनफिंग की यात्र के दौरान चीन ने भारत के साथ महाराष्ट्र व गुजरात में दो औद्योगिक पार्क लगाने का भी समझौता किया था। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार इस समझौते पर जल्द से जल्द अमली जामा पहनाना चाहती है। इस बारे में हाल ही में दोनो देशों के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई थी। यह तय हुआ था कि मोदी की यात्र के दौरान औद्योगिक पार्क परियोजना पर काम शुरू करने के रोडमैप को अंतिम रूप दिया जाएगा। बातचीत में चीन के अधिकारियों ने औद्योगिक पार्क परियोजना से जुड़ी हर तरह की मंजूरी को अगले तीन से छह महीने के भीतर देने का प्रस्ताव किया है। इस पर भारतीय अफसरों ने हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया था। भारत और चीन के बीच बढ़ते व्यापार असंतुलन को खत्म करने के लिए यह निवेश बहुत अहम साबित हो सकता है।
भारतीय उद्योग जगत का आग्रह
इंडिया इंक ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि मोदी की यात्र के दौरान चीन की तरफ से भारतीय निर्यात की राह में अड़चन लगाने के मुद्दे को उठाया जाना चाहिए। सीआइआइ के महासचिव चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि भारतीय कंपनियों की तरफ से चीन को निर्यात की जाने वाली दवाओं, आइटी से जुड़े उत्पादों समेत कई क्षेत्रों पर वहां की सरकार की तरफ से काफी अड़चनें लगाई जाती हैं।