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यान की सफलता पर बोले पीएम, मंगल को मिल गया 'मॉम'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के मौके पर बेंगलूर स्थित इसरो सेंटर में मौजूद थे। मंगलयान के ऑर्बिट में प्रवेश करने पर उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों समेत पूरे देशवासियों को इस सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने असंभव को संभव कर दिखाया। मुझे अपने देश के वैज्ञानिकों पर पू

By Edited By: Published: Wed, 24 Sep 2014 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Sep 2014 02:47 PM (IST)
यान की सफलता पर बोले पीएम, मंगल को मिल गया 'मॉम'

बेंगलुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के मौके पर बेंगलूर स्थित इसरो सेंटर में मौजूद थे। मंगलयान के ऑर्बिट में प्रवेश करने पर उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों समेत पूरे देशवासियों को इस सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने असंभव को संभव कर दिखाया। मुझे अपने देश के वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा था। पीएम ने कहा कि अगर कोई विफल होता है तो वह आलोचना का शिकार होता है और जब सफल हो जाता है तो लोग उससे ईष्र्या करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिकों की सिद्धि की वजह से संभव हुआ जिसके लिए उन्होंने दिल खोलकर सराहना की।

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मंगलयान के मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद इसरो वैज्ञानिकों के बीच मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज मंगल का 'मॉम' से मिलन हो गया। पीएम ने कहा, जब इस मिशन का नामकरण किया जा रहा था, तो नाम मंगलयान रखा गया और उसका शॉर्ट फॉर्म है मॉम। मुझे उसी दिन आभास हो गया था कि मॉम कभी निराश नहीं करती है। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों की तारीफ की और बताया कि मंगलयान पर पहुंचने वाला भारत पहला एशियाई देश है। पूरी दुनिया में अभी तक 51 लोगों ने इस तरह का काम किया लेकिन केवल 21 देशों को सफलता मिली है।

उन्होंने कहा कि जब टीम इंडिया कोई सीरीज जीत करके स्वदेश आती है तो पूरा देश झूम उठता है, हर ओर जश्न मनाया जाता है। इसरो के वैज्ञानिकों की यह उपलब्घि उससे हजारों गुना बड़ी है। पीएम ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने जो उपलब्घि सीमित संसाधनों के दम पर हासिल की है, वह बहुत ही बड़ी है। देशवासियों आप इनकी ऐतिहासिक उपलब्घि पर जश्न मनाएं। हर स्कूल और कॉलेज में आज पांच मिनट इन वैज्ञानिकों की सफलता के जश्न के लिए आप समर्पित करें।

उन्होंने कहा कि जब भी वे इसरो में आते हैं तो यह देखकर उनको खुशी होती है कि वैज्ञानिक हमेशा नई पीढ़ी को तैयार करते रहते हैं। यह गुरू-शिष्य परंपरा ही है, जो सदियों से चली आ रही है। इसरो की कामयाबी भावी पीढियों को प्रेरित करती रहेगी और आपके कठिन तप से देश एक दिन जगत गुरू बनेगा।

गौरतलब है कि पीएम मोदी बुधवार सुबह 6:45 बजे से ही वैज्ञानिकों के साथ बैठकर पूरी प्रक्रिया देख रहे थे। इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मोदी अंतरिक्ष विभाग के प्रमुख हैं और उन्होंने मंगलयान के मंगल ग्रह की कक्षा की स्थापना को देखने की इच्छा जताई। इसरो के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी को मंगल मिशन के बारे में पूरी जानकारी दिए।

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