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    500 और 1000 के नोट बंद होने के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 09 Nov 2016 06:19 PM (IST)

    याचिका में कहा गया है कि 9, 10,और 11 नवंबर को देश भर में हजारों शादियां होनी हैं जो कि तत्काल प्रभाव से लागू की गई इस घोषणा के बाद संपन्न होनी मुश्किल है।

    नई दिल्ली, माला दीक्षित। सरकार की 500 और 1000 का नोट रातो रात बंद करने की घोषणा के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल हो गई है। याचिका में सरकार के आदेश को मनमाना और गैरकानूनी बताते हुए रद करने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वह आम नागरिकों और किसानों व गरीबों को को जरूरी काम जैसे शादी समारोह, इलाज, आदि पूरे करने के लिए समुचित समय दे।

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    यह याचिका वकील संगम लाल पांडेय ने दाखिल की है। पांडेय का कहना है कि आपात हालात को देखते हुए वे कोर्ट से इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करेंगे।याचिका में कहा गया है कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री की 500 और 1000 का नोट बंद करने की घोषणा के बाद से ही देश की जनता उसके परिणाम भुगतने लगी। देश में आपात सेवाएं बड़े पैमाने पर प्रभावित हुईं। इस घोषणा से शादी समारोह, चिकित्सा सेवाएं और शैक्षणिक गतिविधियां आदि प्रभावित हुई हैं।

    याचिका में कहा गया है कि 9, 10,और 11 नवंबर को देश भर में हजारों शादियां होनी हैं जो कि तत्काल प्रभाव
    से लागू की गई इस घोषणा के बाद संपन्न होनी मुश्किल है। इतना ही नहीं आजकल फसल का सीजन चल रहा है किसान नयी फसल बोने और पुरानी काटने में लगें है इस घोषणा से वे न सिर्फ आथिर्क नुकसान उठाएंगे बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानी भी झेलनी होगी। अस्पतालों में लाखों लोग इस तुगलगी फरमान से परेशान हो रहे हैं। लाखों लोगों ने बच्चों की शादी के लिए पैसे निकाले थे वे सब परेशान हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा से इन सभी लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है।

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