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पठानकोट हमला : बिल्डिंग में विस्फोट कर मारे गए छिपे हुए दोनों आतंकी

पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में जानकारी मिली है कि बाकी छिपे हुए दोनों आतंकियों को मार गिराया गया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2016 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2016 02:22 AM (IST)

पठानकोट। पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में ऐसी जानकारी मिली है कि बाकी छिपे हुए दोनों आतंकियों को मार गिराया गया है। सेना ने उस बिल्डिंग को विस्फोट से उड़ा दिया है जिसमें ये दोनों आतंकी छिपकर फायरिंग कर रहे थे। फिलहाल सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है।

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इससे पहले पूरे ऑपरेशन को लेकर वायु सेना के साथ हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में एनएसजी के आईजी ने इस ऑपरेशन के जारी रहने की जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि बेस का एरिया काफी बड़ा है और यहां पर काफी लोग रहते हैं लिहाजा सघनता से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

वायुसेना की प्रेस कॉफ्रेंस में कहा गया कि दो आतंकी वायुसेना के एक अधिकारी के आवास में घुसे हुए हैं और रुक-रुक कर गोलीबारी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों ने आतंकियों द्वारा कब्जाई हुई इस दो मंजिला इमारत को घेरा हुआ है।

पूरी तैयारी के साथ आए थे आतंकी

वायुसेना के एओसी जेएस धमूने ने बताया है कि इस ऑपरेशन में आर्मी, वायुसेना के जवानों के साथ एनएसजी कमांडो और स्थानीय पुलिस भी शामिल है। धमून ने साफ किया है कि यह सभी आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे, लेकिन इसके बाद भी वह अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सके हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि इस हमले में वायुसेना के किसी भी विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

हेलीकॉप्टरों को नष्ट करना चाहते थे आतंकी

ब्रिगेडियर अनुपिंदर बेबली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आतंकियों के मंसूबे एयरबेस में रखे गए हैलीकाप्टरों और लड़ाकू विमानों को उड़ाने के साथ-साथ एयरफोर्स के परिवारों को नुकसान पहुंचाना था। सेना एनएसजी, गरूड़ कमाडों द्वारा संयुक्त आपरेशन के दौरान एयरबेस में रखे गए एयरफोर्स की सारी संपतित् सुरक्षित है। किसी भी पारिवारिक सदस्य को नुकसान नहीं पहुंचा है।

घायल जवान का चांदी मंदिर में हो रहा उपचार

एयरबेस में रिहायशी स्थल होने के कारण आतंकियों को ढूंढना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि आतंकी पूरी तरह से ट्रेंड हैं। इन आतंकियों ने भारी गोलीबारी और हैंड ग्रेनेड का प्रयोग किया। आपरेशन लंबा चल सकता है। अभी तक चार ही आतंकी मारे गए हैं। आतंकियों को मार गिराने के लिए विभिन्न सुरक्षा बलों का संयुक्त ऑपरेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि सेना के जो जवान घायल हुए हैं उनका इलाज मिलिट्री अस्पताल और चंड़ीगढ़ चंडी मंदिर अस्पताल में हो रहा है।

तीन जनवरी को जीओसी वेस्ट कमांडेंट में पहुंच गए थे। जीओसी ने एयरबेस की सुरक्षा का पूरा जायजा लिया था। समय पर रोक दिए जाने के कारण आतंकी अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाए।

रक्षा मंत्री ने पीएम को दी मामले की जानकारी

इस पूरे मामले की जानकारी देने के लिए सोमवार को रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे। इससे पहले पठानकोट हमले के तीसरे दिन सोमवार को सुबह एक बार फिर अंदर से फायरिंग की आवाज सुनाई दी। माना जा रहा है कि कुछ आतंकी अभी भी अंदर कहीं पर छिपे हैं। इस फायरिंग के बाद अतिरिक्त जवानों की एक टुकड़ी बेस की ओर रवाना कर दी गई। पूरे एयरफोर्स स्टेशन की हेलीकॉप्टर के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

फिर सुनाई दी फायरिंग की आवाज

रविवार को भी एयरफोर्स स्टेशन के अंदर से धमाके की आवाज सुनाई दी थी। यह धमाका एक ग्रेनेड को डिफ्यूज करने के दौरान हुआ था। इस दौरान एक जवान भी घायल हो गया था, जिसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। जवान को सेना के बेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

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पठानकोट हमले के आतंकियों के पास थी रास्तों की पूरी जानकारी


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