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विधेयक पारित कराने के लिए बढ़ सकती है मौजूदा सत्र की अवधि

बीमा विधेयक पर विपक्ष के रुख से उलझी सरकार ने अपने कुछ अन्य विधेयकों को पारित कराने के लिए रणनीति तय कर ली है। अब विपक्ष पर दबाव होगा कि वह विधेयकों के पारित होने में अड़ंगा न लगाए। कुछ इसी प्रयास में यह संकेत दे दिया गया है कि श्रम कानून में संशोधन, न्यायिक नियुक्ति, जुवेनाइल जस्टिस समेत कुछ अन्य विधेयकों के सामने अवरोध खड़ा किया गया तो सत्र की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ सकती है।

By Edited By: Published: Wed, 13 Aug 2014 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 02:03 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बीमा विधेयक पर विपक्ष के रुख से उलझी सरकार ने अपने कुछ अन्य विधेयकों को पारित कराने के लिए रणनीति तय कर ली है। अब विपक्ष पर दबाव होगा कि वह विधेयकों के पारित होने में अड़ंगा न लगाए। कुछ इसी प्रयास में यह संकेत दे दिया गया है कि श्रम कानून में संशोधन, न्यायिक नियुक्ति, जुवेनाइल जस्टिस समेत कुछ अन्य विधेयकों के सामने अवरोध खड़ा किया गया तो सत्र की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ सकती है।

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वर्तमान संसद सत्र की अवधि बृहस्पतिवार को खत्म हो रही है। ऐसे में मंगलवार को सरकार ने लोकसभा में झटपट न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक तो पारित करा लिया लेकिन विपक्ष के रुख से यह भी स्पष्ट है कि इसके बाद कोई विधेयक आसानी से पारित नहीं होगा। बीमा विधेयक को लेकर पहले ही विपक्ष ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। ऐसे में सरकार खासतौर पर श्रम कानून संशोधन को इसी सत्र में पारित कराना चाहती है। फैक्ट्रीज संशोधन विधेयक भी सरकार की प्राथमिकता में है। जुवेनाइल जस्टिस संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। लिहाजा दबाव की रणनीति पर काम शुरू हुआ है।

सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन भाजपा संसदीय दल की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यह संकेत जरूर दिया कि सत्र की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ सकती है। परोक्ष रूप से विपक्ष को यह अहसास कराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है कि वह सहयोग का रुख अपनाएं और विधेयक पारित कराएं वरना अवधि बढ़ेगी।

ध्यान रहे कि सदन में न्यायिक नियुक्ति विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद एस एस अहलूवालिया यह कहने से भी नहीं चूके थे कि 'हमें यह पता है कि आपका समर्थन कैसे लिया जाए।' जाहिर है कि सरकार ने अपने कुछ विधेयकों को पारित कराने का मन बना लिया है। विपक्ष बेवजह उसमें अवरोध पैदा न कर सके इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है।

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