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    आखिरकार राज्यसभा में पहुंचीं रेखा

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    Updated: Wed, 13 Aug 2014 08:45 AM (IST)

    राज्यसभा में थमा सिलसिला मंगलवार को फिर शुरू हुआ। सिने अभिनेत्री रेखा का मंगलवार को संसद में दीदार हुआ। संसदीय कार्यवाही में हिस्सा न लेने पर हो रही आलोचनाओं के बीच रेखा सदन में दाखिल हुईं। क्रीम कलर की खादी सिल्क की साड़ी में लिपटी रेखा अपने अंदाज में राज्यसभा गैलरी से होती हुई सदन में निर्धारित अपनी सीट पर पहुंची। शून्यकाल के दौरान उठ रहे सवालों को गौर से सुनती रहीं। लगभग उसी समय दर्शक दीर्घा में फिल्मी दुनिया की आइटम गर्ल राखी सावंत भी सदन की कार्यवाही देखने पहुंचीं थी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में थमा सिलसिला मंगलवार को फिर शुरू हुआ। सिने अभिनेत्री रेखा का मंगलवार को संसद में दीदार हुआ। संसदीय कार्यवाही में हिस्सा न लेने पर हो रही आलोचनाओं के बीच रेखा सदन में दाखिल हुईं। क्रीम कलर की खादी सिल्क की साड़ी में लिपटी रेखा अपने अंदाज में राज्यसभा गैलरी से होती हुई सदन में निर्धारित अपनी सीट पर पहुंची। शून्यकाल के दौरान उठ रहे सवालों को गौर से सुनती रहीं। लगभग उसी समय दर्शक दीर्घा में फिल्मी दुनिया की आइटम गर्ल राखी सावंत भी सदन की कार्यवाही देखने पहुंचीं थी।

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    सदन में रेखा अपनी तयशुदा सीट पर ही बैठीं, जबकि उनके अगल-बगल मनोनीत सदस्य अनु आगा और अशोक गांगुली बैठे थे। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री 59 वर्षीया रेखा को आगा से बातें करते देखा गया। दोनों दोपहर के भोजनावकाश के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले ही चली गईं। रेखा की उपस्थिति के दौरान ही उच्च सदन की दर्शक दीर्घा में अभिनेत्री व आइटम गर्ल राखी सावंत बैठी नजर आईं। हाल ही में रामदास अठावले की अगुवाई वाली पार्टी आरपीआई (ए) में शामिल हुई राखी ने कुछ देर वहां से सदन की कार्यवाही देखी। इसके बाद वह मावलंकर हाल में आयोजित आरपीआई के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचीं। राखी को राज्यसभा इतनी भा गई कि उन्होंने रेखा की जगह पहुंचने की इच्छा तक जता दी, लेकिन इसका खुलासा उन्होंने खुद नहीं किया लेकिन पार्टी अध्यक्ष रामदास अठावले ने सम्मेलन में इसे जगजाहिर कर दिया।

    पिछले सप्ताह क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री रेखा समेत मशहूर हस्तियों और मनोनीत सदस्यों के सदन से गैर हाजिर रहने का मसला जोर शोर से से उठाया गया था। सदन के भीतर और बाहर इनकी आलोचनाएं भी हो रही थीं। संसदीय जानकार तो इस तरह की गैरहाजिरी पर सदस्यता तक जाने के प्रावधान तक बताने लगे थे। इस बारे में उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर और रेखा को अप्रैल 2012 में सदन में मनोनीत किया गया। तब से तेंदुलकर ने तीन बैठकों और रेखा ने सात बैठकों में हिस्सा लिया है। तेंदुलकर ने अंतिम बार 13 दिसंबर 2013 को और रेखा ने 19 फरवरी 2014 को सदन का कार्यवाही में हिस्सा लिया था।

    सदन के नियमों के मुताबिक, 60 दिनों तक गैर हाजिर रहने पर उसकी सीट को रिक्त मान लिया जाता है। तेंदुलकर ने 40 बैठकों में हिस्सा नहीं लिया है, जबकि रेखा के मामले में यह संख्या और भी कम है। उप सभापति ने सोमवार को सदन में कहा, तेंदुलकर ने पारिवारिक व व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के चलते पूरे सत्र की छुंट्टी के लिए आवेदन किया है। इसे कुछ सदस्यों के विरोध के बावजूद ध्वनिमत से अनुमति दे दी गई।

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