IS में शामिल भारतीय युवक बोला, पेरिस हमले का हमलावर था मेरा लीडर
आईएस में शामिल हो चुके और एनआईए की गिरफ्त में आए मोइदीन ने खुलासा किया है कि वह पेरिस हमले का हमलावर उसका लीडर था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आतंकी संगठन आईएस में शामिल होकर भारत लौटे तमिलनाडु के सुबहानी हजा मोइदीन ने कहा है कि वह पिछले साल हुए पेरिस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी को जानता था जो उसका लीडर था। मोइदीन ने यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पूछताछ में किया है।
आईएस के संदिग्ध सदस्य और भारतीय नागरिक सुबहानी हजा मोइदीन ने कहा है कि वह पिछले साल नवंबर में पेरिस के एक थिएटर में हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को जानता था, लेकिन उसने ऐसा दिखावा किया कि उसे इस वारदात के बारे में कुछ पता ही नहीं था। इस हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो मोइदीन तुर्की से इराक पहुंचा था जहां उसने धार्मिक शिक्षा लेने के अलावा ग्रेनेड चलाना और बम बनाना सीखा था और पेरिस हमले का एक आतंकी उसका लीडर रहा था। मोईदीन को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिस बलों की मदद से एनआईए द्वारा ने तमिलनाडु से गिरफ्तार किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु के तिरूनेलवेली से गिरफ्तार किए गए मोइदीन में सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी भावनाएं भरी गईं और फिर उसकी भर्ती की गई। ‘उमरा’ करने का बहाना बना कर वह पिछले साल अप्रैल में चेन्नई से तुर्की के इस्तांबुल चला गया था।
इस्तांबुल पहुंचने के बाद वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए कुछ लोगों के साथ इराक के उस इलाके में चला गया जहां आईएसआईएस का नियंत्रण था। सूत्रों ने बताया कि इसी अवधि में मोइदीन ने पेरिस हमले के हमलावरों से मुलाकात की, जिसमें अब्दुलहमीद अबाउद और सालह अब्दुस्सलाम शामिल थे। पेरिस के थिएटर में हुए हमले के दौरान जवाबी फायरिंग में अबाउच्च्द मारा गया था जबकि अब्दुस्सलाम फ्रासं पुलिस की गिरफ्त में है।
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सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने फ्रांस के सुरक्षा अधिकारियों को सूचित किया है और यहां फ्रांसीसी दूतावास से संपर्क किया है। जांच में किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद से उन्हें सूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि अदालत का उचित आदेश मिलने पर फ्रांसीसी अधिकारी मोइदीन से पूछताछ भी कर सकते हैं।
फ्रांस में हुए आतंकवादी हमलों की कई देशों की ओर से की जा रही छानबीन के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकवादी उस वक्त आईएसआईएस के नियंत्रण वाले इलाकों में ही मौजूद थे जब 31 साल का मोइदीन वहां था। मोइदीन आठ अप्रैल 2015 से इराक में था, जहां उसे मोसुल ले जाया गया। उसने जांच अधिकारियों को बताया कि युद्ध के दौरान आईएसआईएस ने उसे हर महीने भत्ते के तौर पर 100 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया और इसके अलावा रहने एवं खाने की सुविधा मुहैया कराई।
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