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    किशनगंगा परियोजना पर पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद काम रुका

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Wed, 23 Nov 2016 05:10 PM (IST)

    इस परियोजना को नुक्सान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ने कई बार आतंकी संगठनों की मदद भी ली है। लेकिन नाकाम रहा है।

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों के साथ साथ बुधवार गुरेज सेक्टर में किशनगंगा जलविद्युत परियोजना पर भी तोप के गोले बरसाए। सरहद पार से हुई गोलाबारी से परियाजना का काम रुक गया और वहां कार्यरत श्रमिकों ने भूमिगत सुरंगों में शरण ले अपनी जान बचाई।

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    यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि किशनगंगा दरिया को पाकिस्तान में नीलम दरिया बुलाते हैं। उत्तरी कश्मीर में जिला बांडीपोर के अंतर्गत एलओसी के साथ सटे गुरेज सेक्टर में ही किशनगंगा दरिया पर 5500 करोड़ की लागत से 330 मेगावाट की क्षमता की विद्युत परियोजना तैयार की जा रही है। पाकिस्तानी इस परियोजना का विरोध करता है। इस परियोजना को नुक्सान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ने कई बार आतंकी संगठनों की मदद भी ली है। लेकिन नाकाम रहा है।

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    बांडीपोर से मिली जानकारी के अनुसार, आज सुबह से ही गुरेज सेक्टर में अग्रिम इलाकों में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय ठिकानों पर रुक रुक कर गोलाबारी की जा रही है। इससे अग्रिम सीमावर्ती इलाकों में लोगों में भय फैल गया और स्थानीय लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली। लेकिन पौने ग्यारह बजे के करीब पाकिस्तानी सेना द्वारा दागे गए तोप के गोले किशनंगगा परियोजना के पास आकर गिरने लगे। कुछ गोले बांध के पास और एक स्टोन क्रशर के पास आकर गिरे।

    हालांकि इनसे किसी प्रकार का नुक्सान नहीं हुआ,लेकिन इससे परियोजना का काम पूरी तरह रुक गया। वहां कार्यरत श्रमिकों व इंजीनियरों ने काम रोककर परियाजना के लिए बनाई गई भूमिगत सुरंग में शरण ले अपनी जान बचाई। देर शाम गए तक इस खबर के लिखे जाने तक गुरेज सेक्टर में सरहद पार से गोलाबारी जारी थी।

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