सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान ने फिर छेड़ा 'प्रॉक्सी वार'
खुफिया एजेंसियों को इस बात की भनक लगी है कि पाकिस्तान सोशल मीडिया के जरिए प्राक्सी वार कर रहा है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कश्मीर की आग भड़काने में नए सिरे से कोशिश में जुटे पाकिस्तान की शह पर चलने वाला अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद की नई चाल देश की खुफिया एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गई है। यह चाल है सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर कश्मीर में आतंक की नई बीज बोना।
बुधवार को सईद की अगुवाई में पाकिस्तान के कई शहरों में जो रैलियां निकाली गई हैं उनकी एक एक गतिविधियों से जुड़े फोटो व सूचनाओं को कश्मीर के घर घर तक पहुंचाने की कोशिश की गई है। भारतीय खुफिया एजेंसियां इसे पाकिस्तान का नया प्रॉक्सी वार मान रहीं हैं।
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भारतीय एजेंसियों को सूचना मिली है कि कश्मीर में मारे गये हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत पर जो जुलूस निकाले गये थे उसकी कवरेज के लिए हाफिज सईद ने विशेष सोशल मीडिया टीम बनाई थी। इस टीम में कम से कम पांच दर्जन लोग शामिल हैं जो नए मोबाइल फोन, लैपटॉप व इंटरनेट कनेक्शन से लैस हैं। इन्होंने रैलियों से एक एक सूचना और भाषणों को सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित किया है। हिजबुल व जमाते उल दावा के आतंकियों के भाषणों की विशेष फूटेज तैयार की गई है जिसे कश्मीर घाटी में वायरल करने की तैयारी है। भारतीय एजेंसियां स्वीकार करती हैं कि इस बार जिस तरह से हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने सोशल मीडिया पर फोकस किया है उससे वह भी अचंभित हैं।
दरअसल, भारतीय एजेंसियां यह मान रही थी कि पकड़े जाने के भय से पाक सेना व आइएसआइ की मदद से चलने वाले भारत विरोधी आतंकी संगठन शायद सोशल मीडिया का खुल कर इस्तेमाल नहीं करे। लेकिन इनका भ्रम टूट गया है। इसके पीछे वजह यह माना जा रहा कि पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर में अपनी छद्म युद्द की रणनीति को नए क्लेवर में पेश करना चाहता है। नब्बे के दशक में पाकिस्तान सरकार ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए कश्मीर पर जबरदस्त छद्म युद्द किया था। अमेरिका पर अल-कायदा हमले के बाद जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनने लगा तब उसने छद्म युद्ध की रणनीति को तिलांजलि दी थी।
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सूत्रों के मुताबिक बुरहान वानी की मौत की खबर को जिस तरह से कश्मीर घाटी के भीतर टिवटर और फेसबुक के जरिए भावनाओं को भड़काने का काम किया गया है उसमें भी पाक का हाथ सामने आ रहा है। इस वजह से ही वानी के जनाजे में 20 हजार के करीब लोगों के शामिल हुए और इसके बाद वहां हालात बेहद बिगड़ गये।