गौतम बंबावले मुद्दे पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय का समन
पाकिस्तान में मंगलवार को भारतीय हाई कमिश्नर के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में पाकिस्तान हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को भारत ने समन भेजा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते दिन ब दिन रसातल में जा रहे हैं। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बवाले के एक कार्यक्रम को अंतिम समय में रद्द करने के मामले पर भारत ने पाकिस्तान से गहरी नाराजगी जताई है। इस प्रकरण के बाद बुधवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और उनसे इस बारे में भारत की चिंताओं से अवगत कराया। पिछले एक महीने के भीतर बासित को दूसरी बार तलब किया गया है। इसके पहले 09 अगस्त 2016 को भारत-पाक सीमा पर पकड़े गये पाक आतंकवादी बहादुर अली को लेकर बासित को तलब किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि, 'भारतीय उच्यायुक्त के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना पर आज विदेश सचिव (पश्चिम) ने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया। भारत ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान में उसके उच्चायुक्त को वहां सामान्य तौर पर काम करने दिया जाएगा।' दरअसल, भारत को यह बात बहुत नागवार गुजरी है कि बम्बवाले के एक कार्यक्रम को ऐन वक्त पर रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया था। इसमें बम्बवाले को भी भाषण देना था। उन्हें इसमें हिस्सा लेने के लिए एक हफ्ते पहले आमंत्रित किया गया और उन्होंने इसे स्वीकार भी किया था। लेकिन माना जाता है कि एक दिन पहले एक अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम में जिस तरह से बम्बवाले ने आतंक पर पाकिस्तान की नीति को कटघरे में खरा किया था उसके बाद ही इस कार्यक्रम को रद्द किया गया है। बम्बवाले को कार्यक्रम से ठीक एक घंटे पहले इसके रद्द होने के बारे में सूचना दी गई। यह पहला मौका है जब किसी उद्योग चैंबर की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को राजनीतिक वजहों से रद्द किया गया है।
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बम्बवाले ने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए यह कहा था कि जो लोग शीशे के घर में रहते हैं वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। भारत व पाकिस्तान दोनों की अपनी समस्याएं हैं और दोनो देशों को पहले अपनी समस्याओं के समाधान की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि बम्बवाले ने यह भी कहा था कि भारत व पाकिस्तान को मिल कर आंतकवाद को नष्ट करने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरानों को यह पसंद नहीं आया है। माना जा रहा है कि कही बम्बवाले कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स के सम्मेलन में भी कुछ ऐसा ही बयान न दे इसलिए कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया गया है।
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