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भारत ने माना पाक में गिरफ्तार शख्स भारतीय, रॉ एजेंट होने से किया इंकार

पठानकोट हमले की जांच के लिए रविवार को पाकिस्तान की विशेष टीम भारत आने वाली है। इससे ठीक पहले दोनों देशों बीच एक नए किस्म का तनाव पैदा हो गया है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक अधिकारी को पकडऩे का दावा किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 25 Mar 2016 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 26 Mar 2016 10:28 AM (IST)
भारत ने माना पाक में गिरफ्तार शख्स भारतीय, रॉ एजेंट होने से किया इंकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पठानकोट हमले की जांच के लिए रविवार को पाकिस्तान की विशेष टीम भारत आने वाली है। इससे ठीक पहले दोनों देशों बीच एक नए किस्म का तनाव पैदा हो गया है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक अधिकारी को पकडऩे का दावा किया है। इस व्यक्ति का नाम कुलभूषण यादव है। इस मुद्दे पर उसने भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को बुलाकर उनसे अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है। हालांकि, भारत ने गिरफ्तार व्यक्ति के रॉ एजेंट होने से साफ इन्कार किया है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जिस भारतीय का मुद्दा पाकिस्तान ने उठाया है, उससे भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। वह व्यक्ति नौसेना से समय पूर्व सेवानिवृत्ति ले चुका है। मंत्रालय ने उस व्यक्ति से संपर्क साधने की अनुमति भी मांगी है। इसके साथ ही मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि भारत किसी दूसरे देश के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप करने की मंशा नहीं रखता है।

इसके पहले शुक्रवार सुबह पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान घुस आए एक रॉ एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। बलूचिस्तान के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि गिरफ्तार भारतीय का नाम कुलभूषण यादव है। वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एक वरिष्ठ अधिकारी है। यह भी दावा किया गया है कि यादव बलूचिस्तान के अलगाववादियों के संपर्क में रहा है। पाकिस्तान की एजेंसियां उसे पूछताछ के लिए इस्लामाबाद ले गई हैं।

पठानकोट हमले की जांच प्रभावित करने की कोशिश

पाकिस्तान की कार्रवाई को पठानकोट आतंकी हमले की जांच से मुंह मोडऩे की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पठानकोट हमले में पाकिस्तानी एजेंसियों की मिलीभगत साफ जाहिर है। ऐसे में उसने एक भारतीय को गिरफ्तार कर उस पर पाकिस्तान में तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाया है, ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके। यह मामला पाकिस्तानी मीडिया में भी प्रमुखता से छाया हुआ है। कई टीवी चैनलों ने पठानकोट हमले में भारत को समर्थन देने की नवाज शरीफ सरकार की नीति पर भी सवाल उठाया है।

पाक में कथित रॉ अधिकारी की गिरफ्तारी पर एके वर्मा ने कहा है कि यह फर्जी सुबूत बनाने का प्रयास हो सकता है।

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