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विदेशी आतंकियों के सहारे खूनखराबे की साजिश

नई दिल्ली [जाब्यू]। पाकिस्तान कश्मीर घाटी में हिंसा की तपिश बढ़ाने के लिए विदेशी आतंकियों की खेप झोंकने की तैयारी में है। सीमा पार जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आंतकी संगठनों में तालिबान व अलकायदा नेटवर्क के लड़ाकों की भर्ती में वृद्धि की सूचनाओं ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। बर्फ

By Edited By: Published: Fri, 18 Oct 2013 09:02 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2013 09:03 PM (IST)
विदेशी आतंकियों के सहारे खूनखराबे की साजिश

नई दिल्ली [जाब्यू]। पाकिस्तान कश्मीर घाटी में हिंसा की तपिश बढ़ाने के लिए विदेशी आतंकियों की खेप झोंकने की तैयारी में है। सीमा पार जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आंतकी संगठनों में तालिबान व अलकायदा नेटवर्क के लड़ाकों की भर्ती में वृद्धि की सूचनाओं ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। बर्फबारी से पहले कश्मीर घाटी में करीब एक हजार आतंकियों की खेप धकेलने की कवायद के तहत पाक सेना नियंत्रण रेखा पर बार-बार गोलीबारी कर रही है।

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खुफिया एजेंसियों के ताजा आकलन के मुताबिक पीर पंजाल के उत्तर व दक्षिण से आतंकियों को धकेलने की जोरदार कोशिश हो रही है। सरकार को दी गई खुफिया एजेंसियों की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पीर पंजाल के उत्तर में गुलाम कश्मीर के सोनार, केल, सरदारी, नीलम, लीपा के शिविरों में लगभग 700 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार हैं। वहीं, पाक सेना ने पीर पंजाल के दक्षिण में कहुटा, हॉट स्प्रिंग और नेकियाल में 200-300 आतंकियों की खेप खड़ी की है। पाकिस्तान ने सर्दियों की आहट से पहले ही बीते सात दिन में दस बार सीमा पर संघर्षविराम का उल्लंघन कर अपनी नापाक नीयत का बेखौफ नमूना पेश कर दिया है।

खुफिया सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में पाक आतंकी शिविरों में विदेशी आतंकवादियों की भर्ती में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आकलन के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद ने अपने रंगरूटों में 50 फीसद विदेशी आतंकी भर्ती किए हैं। तालिबानी और अलकायदा नेटवर्क से जुड़े आतंकियों को भी कश्मीर में भेजने के संकेत मिले हैं। महत्वपूर्ण है कि बीते दिनों केरन सेक्टर में सेना और पाक की बॉर्डर एक्शन टीम में भी तालिबान लड़ाकों की मौजूदगी के सुबूतों ने भी चिंता बढ़ाई है।

अभी नहीं मिलेंगे डीजीएमओ : सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि नवंबर तक घुसपैठ की खूनी कोशिशों के लिए तैयार रहना होगा। पाक सेना की सीधी मदद से हो रही घुसपैठ के बीच निगरानी में कोताही खतरनाक हो सकती है। सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि ताजा हिंसा के बीच भारत बीते दिनों न्यूयॉर्क में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक में सैन्य अभियान महासचिवों [डीजीएमओ] की मुलाकात के विचार पर आगे बढ़ने के मूड़ में नहीं है। दोनों अधिकारी हर हफ्ते बात करते ही हैं। ऐसे में फिलहाल दोनों के मिलने की जरूरत नजर नहीं आती। पाक सेना इस साल अब तक 170 से अधिक बार सीमा पर संघर्षविराम की धज्जियां उड़ा चुकी है। बदली रणनीति में पाक सेना और उसकी देखरेख में तैयार हो रहे आतंकियों ने भी सेना व सुरक्षाबलों पर हमला बढ़ाया है।

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