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    मुंबई में प्रांतवाद के झगड़े अब नहीं चलेंगे: पीएम मोदी

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Sun, 05 Oct 2014 10:23 AM (IST)

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवसेना और मनसे जैसे दलों पर यह कहते हुए परोक्ष हमला बोला कि अब भाषावाद और प्रांतवाद के झगड़े नहीं चलेंगे। यह और बात है कि अपनी पुरानी सहयोगी शिवसेना का नाम उन्होंने उसके गढ़ मुंबई में भी नहीं लिया। इससे पहले महारा

    मुंबई, [राज्य ब्यूरो]। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवसेना और मनसे जैसे दलों पर यह कहते हुए परोक्ष हमला बोला कि अब भाषावाद और प्रांतवाद के झगड़े नहीं चलेंगे।

    यह और बात है कि अपनी पुरानी सहयोगी शिवसेना का नाम उन्होंने उसके गढ़ मुंबई में भी नहीं लिया। इससे पहले महाराष्ट्र के बीड जनपद से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए भी उन्होंने शिवसेना का नाम नहीं लिया था। इसके बजाय मोदी ने मतदाताओं से आह्वान किया कि महाराष्ट्र में आधी-अधूरी नहीं, पूर्ण बहुमत की ऐसी सरकार बनाइए, जो दिल्ली की सुने और दिल्ली भी जिसकी सुने। वह आपकी बात दिल्ली तक पहुंचा स•े। राज्य की कांग्रेस शासित सरकार पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कि यदि यहां ऐसी सरकार आ गई, जो मेरे साथ मंच पर बैठने की भी हिम्मत न कर सके तो महाराष्ट्र का भला नहीं होगा। बता दें कि नागपुर मेट्रो के उद्घाटन समारोह का राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने बहिष्कार किया था। मुंबई के महलव की ओर इशारा करते हुए हुए मोदी ने कहा कि यदि देश में आर्थिक तेजी लानी है तो यह मुंबई और महाराष्ट्र के बिना नहीं हो सकता।

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    भाजपा से 25 साल पुराना गठबंधन टूटने के बाद से ही शिवसेना आक्रामक है। वह कांग्रेस-राकांपा से ज्यादा भाजपा पर हमले कर रही है। उसकी तरफ से लगातार आरोप लग रहे हैं कि भाजपा ने उसकी पीठ में छुरा घोंपा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी शिवसेना और मनसे जैसे दलों द्वारा अक्सर भाषा और प्रांत के आधार पर भेदभाव की नीति को निशाने पर लेकर आगे बढ़ गए। उन्होंने मुंबई में रहनेवाले झुगगी-झोपड़ीवासियों को सन् 2022 तक बिजली-पानीयुक्त साफ-सुथरे घर देने का वायदा भी किया। बता दें कि मुंबई महानगर में आबादी का एक बड़ा हिस्सा झुग्गियों में रहता है। इनमें दूसरे प्रांत से आकर बसे लोगों की संख्या ही अधिक है।

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