Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष हुआ एकजुट, गृहमंत्री ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 23 Nov 2016 08:14 PM (IST)

    नोटबंदी पर विपक्ष की ताकत दिखाने की इस कसरत के बावजूद सरकार ने पांच सौ और हजार के नोट पर लगाई पाबंदी पर कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी पर सरकार और विपक्ष का संग्राम अब संसद से सड़क तक पहुंच गया है। इस संग्राम में पांच दिन से संसद ठप करने के बाद 12 विपक्षी दलों के करीब 200 सांसदों ने बुधवार को सड़क पर उतर नोटबंदी को लेकर सरकार की घेराबंदी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद में नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। साथ ही विपक्षी दलों ने 28 नवंबर को नोटबंदी से मची खलबली के खिलाफ देश व्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान भी किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राहुल गांधी से लेकर सीताराम येचुरी और ममता बनर्जी से लेकर मायावती जैसे विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए सीधे प्रधानमंत्री पर वार किया। ममता ने तो जंतर-मंतर पर जाकर पीएम पर हमला बोलते हुए नोटबंदी के फैसले को ही गलत ठहराया। मगर सरकार ने संसद से सड़क तक विपक्ष के इस विरोध को दरकिनार करते हुए कालेधन के खिलाफ बड़े नोटों पर लगाई गई पाबंदी पर किसी तरह की ढील की मांग सिरे से खारिज कर दी है।

    नोटबंदी से देश भर में बैंकों-एटीएम के सामने लगी लाइनों में खड़े लोगों से हमदर्दी जताने का संदेश देने के लिए संसद भवन परिसर में सुबह सदन की बैठक से पहले विपक्ष के लगभग 200 सांसदों ने लाइन में लगकर मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान इन सांसदों ने एक दूसरे का हाथ थामते हुए लोगों को हो रही दिक्कतों के बहाने सरकार और पीएम खिलाफ नारेबाजी की। सुबह करीब पौने दस बजे शुरू हुए विरोध के इस अंदाज को अंजाम देने के बाद सभी विपक्षी सांसद संसद भवन के सामने गांधी प्रतिमा के सामने इकठ्ठा हुए।

    हाथों में नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाने से लेकर लोगों की दिक्कतों को बयान करते पोस्टरों के साथ कुछ देर तक विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। यहीं तय हुआ कि सभी विपक्षी दल 28 नवंबर को नोटबंदी पर सरकार के कथित पक्षपाती रवैये को उजागर करने के लिए अपने-अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम करेंगे। कांग्रेस ने तय किया है कि सभी राज्यों की राजधानी और जिला मुख्यालयों में इस दिन विरोध प्रदर्शन करेगी। संसद के बाहर सड़क पर उतरने के बाद विपक्ष ने सदन में जाकर लगातार पांचवे दिन नोटबंदी पर पीएम से बयान की मांग कर सदन को ठप करा दिया।

    विपक्षी दलों की नोटबंदी के खिलाफ आज हुई गोलबंदी के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री पर बिना सोचे-समझे दुनिया का सबसे बड़ा आर्थिक फैसला नोटबंदी लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष ने बिना किसी के सलाह से नोटबंदी का फैसला लिया और इसकी कुछ अपने औद्योगिक मित्रों को पहले जानकारी दे दी। इसीलिए विपक्ष जेपीसी से इसकी जांच की मांग कर रहा है। राहुल ने कहा कि विपक्ष के सभी दल कालेधन और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मगर इसके लिए एक अरब लोगों को दंड देना गलत है। राहुल ने पीएम के सदन में नहीं बोलने को लेकर भी उन पर निशाना साधा।

    तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने जंतर मंतर पर नोटबंदी के खिलाफ पीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को जनता अगले चुनाव में इसका जवाब देगी। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि जनता तो दूर उसके अपने नेता और कार्यकर्ता भी उसे छोड़ देंगे।

    माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि अब तक नोटबंदी से हुई मुश्किल की वजह से कथित तौर पर 75 लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए गरीब लोगों को 30 दिसंबर तक पुराने नोट के उपयोग की छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने पीएम के सदन में बयान नहीं देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मर्यादा के प्रतिकूल है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी प्रधानमंत्री से सदन में बयान की मांग की। विपक्षी दलों के इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, माकपा, भाकपा, आरएसपी, द्रमुक, एनसीपी, राजद और जदयू आदि शामिल थे।

    नोटबंदी पर विपक्ष की ताकत दिखाने की इस कसरत के बावजूद सरकार ने पांच सौ और हजार के नोट पर लगाई पाबंदी पर कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया। सूचना प्रसारण मंत्री वैंकैया नायडु ने विपक्षी दलों के विरोध को गलत बताते हुए कहा कि ऐसा कर वह कालधन रखने वालों का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम आज लोकसभा में मौजूद थे मगर विपक्ष ने हंगामा कर सदन नहीं चलने दिया। इससे साफ है कि विपक्ष चर्चा और जवाब से भाग रहा है। नायडु ने कहा कि विपक्ष के विरोध से इतर देश की जनता नोटबंदी का व्यापक समर्थन कर रही है।

    पढ़ें- नोटबंदी पर शिवसेना ने बदला रुख, अब की सरकार के फैसले के समर्थन की घोषणा