नोटबंदी पर शिवसेना ने बदला रुख, अब की सरकार के फैसले के समर्थन की घोषणा
बुधवार को पार्टी ने जिला सहकारी बैंकों को केंद्र द्वारा 21 हजार करोड़ रुपये किसानों में वितरण के लिए देने का श्रेय लेते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र की समस्या दूर होगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र । केंद्र सरकार में शामिल शिवसेना ने बुधवार को अपना रुख बदलते हुए नोटबंदी के मसले पर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने की घोषणा की। लेकिन उसने इसकी वजह से लोगों को हो रही कठिनाई पर चिंता जताई है। पिछले सप्ताह नोटबंदी के खिलाफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में शिवसेना के सांसद भी मार्च करते हुए राष्ट्रपति से मिलने गए थे। पार्टी ने इस मुद्दे पर मंगलवार को प्रधानमंत्री से मिलकर विरोध व्यक्त करने की चर्चाओं को फिजूल बताया।
बुधवार को पार्टी ने जिला सहकारी बैंकों को केंद्र द्वारा 21 हजार करोड़ रुपये किसानों में वितरण के लिए देने का श्रेय लेते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र की समस्या दूर होगी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में सहकारी बैंकों का सबसे सघन नेटवर्क है और बड़ी संख्या में किसान उनमें खातादार हैं। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ हम राष्ट्रपति के पास जरूर गए थे लेकिन हम दोनों का एजेंडा अलग था।
हमने कभी भी नोटबंदी को वापस लेने की मांग नहीं की, बस ये कहा कि पूरी तैयारी से फैसला क्रियान्वित होना चाहिए था। इससे आमजनों को कठिनाई नहीं होती। यही बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में कही गई। शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा, आप कुछ भी करें लेकिन मैं तो आपको (शिवसेना को) नहीं छोड़ सकता। मैं नहीं जानता आप क्या करेंगे लेकिन मैं तो बाला साहेब (स्वर्गीय बाल ठाकरे) की बात से बंधा हुआ हूं। शिवसेना राजग का दूसरी बड़ी घटक दल है। वह भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी भी है।
बेहतर तालमेल के लिए राजग संयोजक बने
शिवसेना ने मांग की है कि राजग के दलों में बेहतर तालमेल के लिए एक प्रभावशाली संयोजक होना चाहिए, जैसे कि वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में था। संयोजक सभी दलों में बेहतर तालमेल के लिए जरूरी है।
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