EVM मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिला विपक्ष, कांग्रेस ने कहा- चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल
मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ईवीएम में छेड़खानी के आरोपों से चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं।
नई दिल्ली, (एएनअाई)। ईवीएम में कथित छेड़खानी के मुद्दे पर बुधवार को विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह की अगुवाई में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के सामने अपनी मांगें रखीं। मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ईवीएम में छेड़खानी के आरोपों से चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में चुनावों में ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ के मुद्दे को गंभीरता से राष्ट्रपति के समक्ष उठाया गया।
उन्होंने कहा कि देश में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा किया जा रहा है। साथ ही असंतोष की आवाज से बचने के लिए कई अहम बिलों को मनी बिल में डालकर सीधे लोकसभा में पेश किया जा रहा है। इससे राज्यसभा में विरोधियों के सवाल का जवाब देने से बचा गया। उन्होंने सरकार के इस कदम को संवैधानिक तौर पर गलत करार दिया।
मोइली का कांग्रेस पर हमला
ईवीएम पर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली का इसको लेकर एक बड़ा बयान आया है। मोइली ने कांग्रेस के ईवीएम को लेकर किये जा रहे विरोध को बेकार बताया है, मोइली ने कहा है कि ईवीएम का विरोध विपक्ष की निराशावादी की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हम इवीएम में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए कमेटी बना सकते हैं, लेकिन दोबारा पुरानी प्रक्रिया से चुनाव कराने का सवाल नहीं उठता।
मोइली ने कहा कि यह सभी सिर्फ क्षेत्रीय दलों की लोकलुभावन कोशिश है, हमारी पार्टी भी इसमें साथ जुड़कर हार के बहाने तलाश रही है। उन्होंने कहा कि जब मैं कानून मंत्री था, उस समय ईवीएम चलन में आये थे। उस समय भी इसको लेकर शिकायत आई थी, हमनें तब उसे सुलझा लिया था। यह सब पार्टी को पता है, अब जब ईवीएम के मुद्दे पर विरोध का माहौल है तो उसके साथ जुड़ जाना गलत है।
मोइली ने कहा कि कांग्रेस को याचिका दायर करने में शामिल नहीं होना चाहिए था, हमसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई। सिर्फ मुद्दा गर्म है इस कारण ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की बड़ी भूल है।
गौरतलब है कि विधान सभा चुनावों में हारने वाले दलों जिनमें कांग्रेस, अाम अादमी पार्टी और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने अब फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि मशीन तैयार करते वक्त जब प्रोग्रामिंग की जाती है, उसी वक्त डाटा में गड़बड़ी की जा सकती है। यानी फीड में ही खेल किया जाता है, तभी आगे भी मशीन गड़बड़ नतीजे दे सकती है।
वहीं इन आरोपों पर चुनाव आयोग का कहना है कि प्रोग्रामिंग में भी गड़बड़ी मुमकिन नहीं है। ऐसा हो ही नहीं सकता कि पोलिंग एजेंट को चेक कराते वक्त मशीन दूसरा नतीजा दे और वोटिंग के समय दूसरा नतीजा दे। चुनाव आयोग ने चुनौती दी है कि ऐसे आरोप लगाने वाले अपनी बात साबित करें।
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