मांझी के पहले दिन ही मंत्रिमंडल का विरोध
बिहार में मुख्यमंत्री पद संभालने के दूसरे ही दिन जीतन राम मांझी के मंत्रिमंडल को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के विधान परिषद सदस्य बिनोद कुमार सिंह ने मांग की है कि लोकसभा चुनाव में जदयू के हार की जिम्मेदारी नीतीश कुमार ही नहीं अन्य मंत्रियों की भी थी। लिहाजा ि
जागरण ब्यूरो, पटना। बिहार में मुख्यमंत्री पद संभालने के दूसरे ही दिन जीतन राम मांझी के मंत्रिमंडल को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के विधान परिषद सदस्य बिनोद कुमार सिंह ने मांग की है कि लोकसभा चुनाव में जदयू के हार की जिम्मेदारी नीतीश कुमार ही नहीं अन्य मंत्रियों की भी थी। लिहाजा सिर्फ नीतीश को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए, बल्कि उनके मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्यों को भी नैतिकता के आधार पर दोबारा पद नहीं लेना चाहिए। इस हार की नैतिक जिम्मेदारी सभी सदस्यों को लेनी चाहिए। इस बीच, मुख्यमंत्री जीतन राम ने बुधवार को कामकाज संभाला व अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
विधान परिषद सदस्य सिंह का कहना था कि उन मंत्रियों ने भी दोबारा पद हासिल किया, जो लोकसभा चुनाव में दल के उम्मीदवार का विरोध कर रहे थे और दूसरे दलों के लिए वोट मांग रहे थे। ऐसे मंत्रियों में अगर साहस होता तो वे खुद शपथ लेने से इन्कार कर देते। बकौल सिंह, वे मंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन उनकी राय है कि नए लोगों को अवसर मिलना चाहिए। उनके बयान को पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश ने गंभीरता से लिया और दोपहर में उन्हें अपने आवास पर तलब किया। उनके साथ ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री के समझाने पर सिंह मान गए। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वे नीतीश कुमार की बातों से संतुष्ट हैं। उनके कैबिनेट के मंत्रियों को दोबारा पद पाने में कोई बुराई नहीं है। इधर, अपने कामकाज के पहले दिन मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बीपीएल, इंदिरा आवास व ग्रामीण सड़कों की कमियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को जारी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने अफसरों के कामकाज की तारीफ की।
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