Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में 9 फीसद महिला उम्‍मीदवार, 8 फीसद 5वीं पास भी नहीं

    By Digpal SinghEdited By:
    Updated: Wed, 08 Mar 2017 11:52 AM (IST)

    आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं के लिए दुखद बात यह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिर्फ 445 महिला नेताओं को ही टिकट मिला है, जो कुल उम्मीदवारों में से सिर्फ 9 फीसद हैं।

    यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में 9 फीसद महिला उम्‍मीदवार, 8 फीसद 5वीं पास भी नहीं

    नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत 6 चरण का मतदान हो चुका है। बुधवार को सातवें और अंतिम चरण का मतदान चल रहा है और शाम 5 बजे यह भी संपन्न हो जाएगा। महिलाओं को समाज का आधा हिस्सा माना जाता है और सालों से संसद व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने की मांग उठती रही है। लेकिन जब टिकट देने की बात आती है तो राजनीतिक दल महिलाओं को जिताऊ उम्मीदवार के तौर पर नहीं देखते।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खड़े कुल 4853 उम्मीदवारों में से एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफा‌र्म्स (एडीआर) ने 4823 उम्मीदवारों का आकलन किया है। आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं के लिए दुखद बात यह है कि सिर्फ 445 महिला नेताओं को ही टिकट मिला है जो कुल उम्मीदवारों में से सिर्फ 9 फीसद हैं। दूसरी ओर 4377 पुरुष चुनावी मैदान में खड़े हैं, जो कुल उम्मीदवारों के 91 फीसद के करीब हैं। एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी भी इस बार विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक रहा है।
    पढ़ाई-लिखाई का महत्व कितना है यह सब जानते हैं। बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं सरकार बनाती रहती है। यही नहीं, प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से बड़ों को पढ़ाने के लिए भी योजनाएं बनती रहती हैं। लेकिन जब राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवार की तलाश करते हैं तो उन्हें ज्यादातर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रत्याशी जिताऊ नजर नहीं आते।
    विधानसभा चुनाव 2017 में तमाम राजनीतिक दलों ने 2299 यानी 48 फीसद उच्च शिक्षा पाने वाले नेताओं को ही अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि 52 फीसद की शिक्षा 12वीं या उससे कम है। बता दें कि 5वीं से 12वीं के बीच शिक्षा ग्रहण करने वाले 1991 यानि 41 फीसद नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया है। 256 यानि 7 फीसद ने अपने नामांकन पत्र में खुद को साक्षर बताया है, जबकि 54 यानि 1 फीसद का कहना है कि वे अशिक्षित हैं।