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हरसिमरत कौर ने कहा- कृषि के बुनियादी ढांचे में लगे एक चौथाई FDI

भारत में खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) के क्षेत्र में आ रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआइ का एक चौथाई हिस्सा कृषि क्षेत्र का बुनियादी ढांचा बनाने में लगना चाहिए।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 25 Mar 2016 10:31 PM (IST)Updated: Fri, 25 Mar 2016 10:40 PM (IST)
हरसिमरत कौर ने कहा- कृषि के बुनियादी ढांचे में लगे एक चौथाई FDI

नई दिल्ली: भारत में खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) के क्षेत्र में आ रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआइ का एक चौथाई हिस्सा कृषि क्षेत्र का बुनियादी ढांचा बनाने में लगना चाहिए। भारत में उत्पादित खाद्य उत्पादों की मार्केटिंग पर 100 फीसद एफडीआइ की घोषणा के बीच केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने यह आवाज उठाई है।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) के रूट से आने वाले खाद्य उत्पादों के लिए शत-प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति होगी। इसके लिए शर्त यही रखी गई है कि ऐसे उत्पाद देश में ही बने हुए हों।

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हरसिमरत ने कहा, 'मैं किसानों की आमदनी बढ़ाने की खातिर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सौ फीसद एफडीआइ की इजाजत दिए जाने पर दबाव डाल रही थी। इसीलिए अब मैंने सुझाव दिया है कि कोई ऐसा तंत्र अवश्य बनना चाहिए जिससे इस विदेशी निवेश का कम से कम एक चौथाई हिस्सा खेती से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में प्रयोग किया जाए।

यह निवेश खेती के अधिक से अधिक मशीनीकरण और बेहतर सिंचाई की व्यवस्था पर होना चाहिए। बजट के केंद्र में भी खेती और किसान थे। अगर यह सुझाव माना जाता है तो इस फैसले से भी कृषि की विकास दर बढ़ेगी।'

खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने यह मुद्दा औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के सामने भी उठाया है। इस मामले में ब्योरे को अंतिम रूप देने के बाद डीआइपीपी मंजूरी के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार करेगा। बादल ने पहले भी कहा था कि फूड प्रोसेसिंग में एफडीआइ का मतलब देश में विदेशी पैसे से स्वदेशी बुनियादी ढांचा बनेगा। इससे कृषि उपज की प्रोसेसिंग दोगुनी हो जाएगी। यही नहीं, इससे खेती से होने वाली पैदावार बर्बाद होने से भी बच जाएगी।


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