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    न्यूज चैनल बैन पर भड़कीं ममता, कहा-आपातकाल की आ रही है याद

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 05 Nov 2016 02:46 PM (IST)

    पठानकोट हमले की रिपोर्टिग को आपत्तिजनक मानते हुए सरकार ने एनडीटीवी इंडिया को दंडित करने का फैसला किया है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। पत्रकारिता को राष्ट्रीय हितों के प्रति हर हाल में जवाबदेह होना होगा। सरकार ने अपने एक फैसले से साफ कर दिया है कि खासकर आतंकी गतिविधियों और उसके खिलाफ कार्रवाई के दौरान मीडिया को कुछ भी दिखाने की छूट नहीं होगी। सरकार के इस फैसले की पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये फैसला आपातकाल की याद दिला रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि न्यूज चैनल पर बैन लगाकर केंद्र तानाशाही कर रही है।

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    पठानकोट हमले की रिपोर्टिग को आपत्तिजनक मानते हुए सरकार ने एनडीटीवी इंडिया(हिंदी) को दंडित करने का फैसला किया है। नौ नवंबर को रात 12.01 बजे से 10 नवंबर रात 12.01 बजे तक इस चैनल का प्रसारण नहीं होगा। इस दौरान पूरे देश में वह ऑफ एयर होगा। सरकार ने यह संकेत भी दे दिया है कि चैनल को दूसरी गलती भारी पड़ सकती है।

    लोगों को याद होगा कि मुंबई आतंकी हमले की टीवी रिपोर्टिग ने दुनियाभर में देश को शर्मसार कर दिया था। खुली छूट का लाभ उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने वह सब कुछ दिखाया था, जिससे आतंकी ही फायदा उठा रहे थे। हालांकि, बाद में कुछ नियम-कायदे तय हो गए। लेकिन पठानकोट हमले को लेकर एनडीटीवी ने जो कुछ दिखाया उसे सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ माना है।

    पठानकोट एयरबेस की सुरक्षा में है कई खामियां: रिपोर्ट

    अधिकारियों और विशेषज्ञों की अंतरमंत्रालयी समिति का मानना है कि उस दौरान एनडीटीवी इंडिया ने न सिर्फ हुए आतंकियों के छिपे होने की जगह बताई, बल्कि यह भी बताया कि पठानकोट एयरबेस के संवेदनशील स्थान उनसे कितनी दूर हैं। स्कूल और रिहायसी कॉलोनी का भी जिक्र किया। यह सब कुछ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के लिए भी खतरनाक हो सकता था।

    बताते हैं कि शुरू में समिति ने चैनल का प्रसारण 30 दिन के लिए रोकने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सूचना प्रसारण मंत्रालय ने फिलहाल सांकेतिक रूप से एक दिन के लिए रोक लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास दूसरी गलती पर 90 दिन और तीसरी गलती पर ब्रॉडकास्टिंग की अनुमति के बचे हुए दिन तक प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

    यह कहा था रिपोर्टर ने

    चार जनवरी को पठानकोट हमले की रिपोर्टिग करते हुए एनडीटीवी पत्रकार ने कहा था कि दो आतंकी जिंदा हैं और उसी जगह हैं, जहां पर हथियारों का डिपो है। आतंकी बिल्कुल उनके करीब हैं। उस डिपो में रॉकेट लांचर, मोर्टार जैसे कई हथियार हैं। समिति ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक माना है।

    एनडीटीवी की सफाई

    -इस मामले में चैनल को सफाई देने का मौका दिया गया। 25 जुलाई को उसने समिति को जवाब दिया।

    -एनडीटीवी की ओर से कहा गया कि उसने एनएसजी की ब्रीफिंग के आधार पर ही रिपोर्टिग की है।

    -इसके अलावा कुछ चीजें प्रिंट मीडिया में भी आ चुकी हैं। लेकिन समिति इस जवाब से असंतुष्ट थी।

    क्या कहता है नियम

    टीवी केबल नेटवर्क नियम की धारा 6 (1) के अनुसार आतंकरोधी कार्रवाई की रिपोर्टिग आधिकारिक अफसर की ब्रीफिंग तक सीमित होनी चाहिए। इस समिति में गृह, सूचना प्रसारण, विदेश, कानून समेत कुछ अन्य मंत्रालयों के उच्च अधिकारी होते हैं।

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