पुराने नोट जमा करने पर आरबीआई ने लगायी नई शर्त, जानिए; क्या है नियम
हालांकि आरबीआइ की यह नई शर्त प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के तहत पुराने नोट जमा करने के संबंध में लागू नहीं होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट जमा करने को लेकर रिजर्व बैंक ने नई शर्त लगा दी है। आरबीआइ ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि 30 दिसंबर, 2016 से पहले किसी भी बैंक खाते में 5,000 रुपये से अधिक के पुराने नोट सिर्फ एक बार ही जमा किए जा सकते हैं। ऐसा करते हुए भी पुराने नोट जमा कराने वाले व्यक्ति को बैंक के दो अधिकारियों के सामने बताना होगा कि उसने अब तक ये नोट जमा क्यों नहीं किए।
यही नहीं अगर आप आने वाले दिनों में 30 दिसंबर से पहले 5 हजार से कम राशि अपने बैंक खाते में कई बार जमा करते हैं और कुल जमा राशि पांच हजार रुपये से अधिक हो जाती है तो भी बैंक अधिकारी आपसे यह पूछेंगे कि आपने यह धनराशि पहले क्यों नहीं जमा करायी। हालांकि आरबीआइ की यह नई शर्त प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के तहत पुराने नोट जमा करने के संबंध में लागू नहीं होगी। पीएमजीकेवाई के तहत अघोषित नकदी का खुलासा करने वाले व्यक्ति पर धनराशि का 50 प्रतिशत टैक्स, सैस और पेनाल्टी लगेगी। साथ ही उक्त धनराशि में से 25 प्रतिशत चार साल के लिए बैंक में जमा हो जाएगी जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। शेष 25 प्रतिशत राशि ही वह व्यक्ति निकाल सकता है।
आरबीआइ ने कहा है कि मंगलवार से 30 दिसंबर, 2016 तक बैंक खाते में 5,000 रुपये से ज्यादा राशि सिर्फ एक बार जमा कराई जा सकेगी। जो भी व्यक्ति इस सीमा से अधिक पुराने नोट जमा कराएगा बैंक के दो अधिकारियों की मौजूदगी में उसे यह बताना होगा कि उसने अब तक यह धनराशि क्यों नहीं जमा करायी थी। इस बातचीत का रिकार्ड रखा जाएगा। आरबीआइ ने यह भी कहा कि जिस खाते में केवाईसी प्रक्रिया पूरी की गई है उसमें अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है लेकिन गैर केवाईसी बैंक खातों में अधिकतम 50 हजार रुपये की राशि जमा कराने का नियम यथावत बना कर रखा गया है।
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माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला बैंकों में अभी तक लग रही लंबी कतारों को खत्म करने के उद्देश्य से लिया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार मान रही है कि अधिकांश लोग जिनके पास पुरानी करेंसी में अपनी धनराशि थी वे उसे बदलवा चुके हैं। अब काले धन को सफेद करने में जुटे लोग दूसरों के बैंक खातों का सहारा लेकर ऐसा कर रहे हैं। सोमवार को लिए गए फैसले के पीछे इस प्रक्रिया को रोकने का उद्देश्य भी है।
2005 से पहले के नोट स्वीकार करें बैंक
आरबीआइ ने एक अन्य स्पष्टीकरण जारी करते हुए बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 2005 से पहले के नोट ग्राहकों से स्वीकार करें। आरबीआइ ने कहा कि बैंकों को 500 रुपये और 1000 रुपये के 2005 से पहले के नोट स्वीकार करें। हालांकि आरबीआइ ने बैंकों को साफ निर्देश दिया है कि वे इन नोटों को ग्राहकों को पुन: जारी न करें। उल्लेखनीय है कि एक जुलाई 2016 के बाद ये नोट आरबीआइ के ऑफिस में ही बदले जा सकते थे। अब इन्हें बैंकों में जमा किया जा सकता है।
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