Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NSG : चीन को मनाने के लिए अब खुद मोर्चा संभाल सकते हैं पीएम मोदी

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 11 Jun 2016 03:21 PM (IST)

    गुरूवार को विएना में एनएसजी को लेकर हुई असफल बैठक के बाद अब भारत के प्रधानमंत्री मोदी खुद चीनी राष्ट्रपति से लॉबिंग कर सकते हैं।

    Hero Image

    नई दिल्ली। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह यानि एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत के दावे का चीन भले ही खुलकर विरोध कर रहा हो लेकिन नई दिल्ली अब तक चीन के खिलाफ खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज करती आयी है। हालांकि, चीन के खिलाफ जिस तरह की लोगों में प्रतिक्रिया रही उसने नई दिल्ली से लेकर बीजिंग तक के कान खड़े कर दिए हैं। अब ये उम्मीद लगाई जा रही है कि एनएसजी सदस्यता के दावे पर पीएम मोदी खुद चीन के राष्ट्रपति को मना सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चीन के खिलाफ बोलने से बीजिंग वही करेगा जो भारत नहीं चाहता है। पिछले कुछ दिनों में भारत ने लगातार अपनी तरफ से चीन के साथ संबंधों का सामान्य बनाए रखने की कोशिश की है। इसके लिए चीन के विद्वानों को भारत में आयोजित सम्मेलन में आने के लिए आसानी से कॉन्फ्रेंस वीजा जारी किए जे रहे हैं, जिस पर चीन को लंबे समय से शिकायत थी।

    ये भी पढ़ें- वियना: NSG में भारत की सदस्यता पर बैठक बेनतीजा, अब नजरें सियोल पर

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जो साझा बयान जारी किया गया उसमें चीन की नाराजगी को देखते हुए दक्षिण चीन सागर के संदर्भ में कुछ भी नहीं बोला गया।

    ऐसे में अगर समय पर भारत कागजी कार्रवाई पूरी कर लेता है तो वह इस साल ताशकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में पाकिस्तान के साथ हिस्सा ले सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 23 और 24 जून को आयोजित होनेवाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे प्रधानमंत्री मोदी के पास चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से एनएसजी में भारत की सदस्यता के दावे को लेकर बातचीत का बेहद सुनहरा मौका होगा।

    ये भी पढ़ें- पाकिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करे दुनिया: चीन

    इसके साथ ही, सियोल में 20-24 जून तक चलनेवाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में इस मुद्दे को रखा जा जाएगा। एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव के हवाले से कहा गया है कि इस सम्मेलन में आने के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही सैद्धांतिक प्रक्रिया पूरी कर ली है। यहां भी इस मसले पर आम राय बनाने का भारत के पास एक मौका होगा।

    गुरूवार को विएना में एनएसजी को लेकर आयोजित प्रारंभिक तकनीकी बैठक में भारत, पाकिस्तान और नामीबिया से मिले आवेदनों पर चर्चा की गई। इस बैठक में भारत के आवेदन पर गौर किया गया लेकिन कुछ देशों बातचीत की प्रक्रिया और उसके उसके मानदंड पर सवाल खड़े कर दिए। सूत्रों के मुताबिक, पांच देशों ने भारत की सदस्यता पर अपनी आपत्ति जताई।

    ये भी पढ़ें- भारत के लिए एनएसजी दावेदारी में चीन ने खड़ी की पाक की दीवार

    सूत्रों के मुताबिक, सरकार के कई लोग इन बातों को मान रहे हैं कि एनएसजी में सदस्यता के लिए बाकी देशों को अपने पक्ष में लॉबिंग करने के प्रयास में भारत ने बहुत देर कर दी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पिछले कुछ वर्षों को भारत ने यूं ही गंवा दिया।