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    अब पीडीपी की ओर से हो सकती है सरकार गठन की कवायद

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Mon, 21 Mar 2016 10:23 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में भाजपा की ओर से सख्त रवैया दिखाने के बाद अब पीडीपी की ओर से सरकार गठन की एक कवायद हो सकती है। ऐसा हुआ तो भाजपा भी थोड़ी नरम हो सकती है।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भाजपा की ओर से सख्त रवैया दिखाने के बाद अब पीडीपी की ओर से सरकार गठन की एक कवायद हो सकती है। ऐसा हुआ तो भाजपा भी थोड़ी नरम हो सकती है। अगर सबकुछ दुरुस्त रहा तो मंगलवार को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच मुलाकात हो सकती है। वहां बात बनी तो मंगलवार को ही प्रधानमंत्री से भी महबूबा की चर्चा संभव है।

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    लगभग ढ़ाई महीने से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति असमंजस के माहौल में घिरी है। पीडीपी की ओर से दबाव बनाकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम में बदलाव की कोशिश तो की गई लेकिन भाजपा टस से मस नहीं हुई। ऐसे मे शुक्रवार को अमित शाह और महबूबा की मुलाकात के बाद एक तरह से गाड़ी पटरी से उतर गई थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार महबूबा पर पार्टी के अंदर से काफी दबाव है। शायद महबूबा को भी इसका अहसास है कि पांच साल तक सत्ता से बाहर रहने के बजाय सत्ता में रहकर और जनता के लिए काम कर अपना आधार ज्यादा मजबूत किया जा सकता है।

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    लिहाजा महबूबा फिर से दिल्ली पहुंच गई हैं। उनके सिपहसालार हसीब द्राबू पहले से दिल्ली में हैं। बताते हैं कि द्राबू ने सोमवार को भाजपा के एक शीर्ष नेता से भी मुलाकात की है। ध्यान रहे कि द्राबू पीडीपी के अहम नेता हैं और मुफ्ती सरकार के काल में साझा कार्यक्रम तय करने में उनकी अहम भूमिका थी। ध्यान रहे कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी रविवार को कहा था कि भाजपा साझा कार्यक्रम को लेकर दृढ़संकल्प है। वहीं भाजपा में कश्मीर का प्रभार देख रहे राममाधव ने इशारा किया था कि सरकार गठन के बाद ही अब आगे की बातें हो सकेंगी।

    सूत्रों के अनुसार पीडीपी की ओर से सरकार गठन को लेकर कदम बढ़ाया जा सकता है। भाजपा की ओर से उन्हें पहले भी कहा गया था कि धीरे धीरे अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। वैसे सूत्र इसका भी इशारा कर रहे हैं कि भाजपा से बात बिल्कुल नहीं बनी तो कांग्रेस का या दूसरा विकल्प भी ढूंढने की कोशिश हो सकती है।