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    नहीं बंद होगी सांसद निधि योजना

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Sun, 12 Oct 2014 02:16 PM (IST)

    आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने बताया है कि सांसद निधि योजना को खत्म करने के लिए उसे लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद से लिखित में आग्रह प्राप्त नहीं हुआ है और इसे बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से मिली जा

    नई दिल्ली। आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने बताया है कि सांसद निधि योजना को खत्म करने के लिए उसे लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद से लिखित में आग्रह प्राप्त नहीं हुआ है और इसे बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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    सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 'सांसद निधि खत्म करने के लिए लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद से लिखित में आग्रह प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, मंत्रालय वर्तमान के कुछ एवं पूर्व संसद सदस्यों की ओर से इस मुद्दे पर प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में व्यक्त की गई भावनाओं से अवश्य अवगत है।'

    राज्यसभा सचिवालय ने बताया, सांसद निधि योजना को भारत सरकार का सांख्यिकी एवं कार्यक्रम अनुपालन मंत्रालय लागू करता है। अभी तक किसी सदस्य ने सांसद निधि योजना बंद करने की मांग नहीं की है। मंत्रालय ने बताया कि एमपीलैड की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले भीम सिंह की रिट याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने 14 मई 2010 को अपने फैसले में कहा था कि एमपीलैड योजना वैध है और संविधान सम्मत है।

    सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इस योजना से वर्तमान सांसदों को अनुचित लाभ नहीं मिलता है और यह कदाचार की श्रेणी में नहीं आता है। मंत्रालय ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के उक्त आदेश के मद्देनजर मंत्रालय में सांसद निधि को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।'

    गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों में हाल के समय में कई विषयों पर चर्चा के दौरान विभिन्न दलों के कई सदस्यों की ओर से सांसद निधि की धनराशि काफी कम होने का मुद्दा उठाया गया था।

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