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    रेलवे में क्षेत्र विशेष के लिए आरक्षित नहीं हैं नौकरियां

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 01 Dec 2014 09:46 PM (IST)

    रेलवे की नौकरियां देश के सभी नागरिकों के लिए खुली हैं। क्षेत्र विशेष के लोगों के लिए इसमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। केंद्र ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इसके अलावा योजना आयोग को भंग करने, सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों के खर्च में कटौती, इबोला से निपटने

    नई दिल्ली। रेलवे की नौकरियां देश के सभी नागरिकों के लिए खुली हैं। क्षेत्र विशेष के लोगों के लिए इसमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। केंद्र ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इसके अलावा योजना आयोग को भंग करने, सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों के खर्च में कटौती, इबोला से निपटने की तैयारियों आदि से जुड़े सवाल भी लोकसभा में उठाए गए।

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    प्रश्नकाल के दौरान रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने सदन को बताया कि रेलवे किसी भी क्षेत्र के लिए 'ग्रोथ इंजन' होता है। इसके अलावा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर ये बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी मुहैया कराता है। बकौल केंद्रीय मंत्री रेलवे 258 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं, जिसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

    प्रश्नकाल के ही दौरान संस्कृति मंत्री डा. महेश शर्मा ने लोकसभा में जानकारी दी कि कला और संस्कृति क्षेत्र के शोधार्थियों के लिए सरकार दो छात्रवृत्ति योजनाएं लागू करेगी।

    योजना आयोग भंग करने का विरोध

    कांग्रेस ने योजना आयोग भंग करने के सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शून्य काल में इस मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि योजना आयोग एक महत्वपूर्ण स्वतंत्र संस्था है जो विभिन्न राज्यों के विकास में अहम भूमिका निभाता रहा है। कांग्रेस नेता के मुताबिक यदि कोई कमी है तो उसे दूर किया जाना चाहिए न की संस्था को ही भंग कर दिया जाए।

    एक अन्य कांग्रेस सांसद टी मेनिया ने पूर्वोत्तर के लोगों पर हो रहे हमले पर रोक लगाने और बेजबरुआ समिति की रिपोर्ट पेश करने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने शून्य काल के दौरान सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े मंत्रालयों के खर्च में कटौती का मसला उठाया। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया।

    सूरत हवाई अड्डे के प्रबंधक का तबादला

    सूरत हवाई अड्डे के प्रबंधक का तबादला कर उन्हें असम (लीलाबारी एयरपोर्ट) भेज दिया गया है। सूरत हवाई अड्डे पर ही रनवे पर एक विमान की भैंस से टक्कर हो गई थी। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू पशुपति ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। मंत्री ने हालांकि इसे दंडात्मक कार्रवाई मानने से इंकार कर दिया।

    इबोला से निपटने को कदम उठाए सरकार

    तृणमूल कांग्रेस (तृकां) ने सोमवार को लोकसभा में जानलेवा बीमारी इबोला का मसला उठाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल सांसद दिनेश त्रिवेदी ने इबोला का पता लगाने में देश की प्रयोगशालाओं की क्षमता के बारे में जानना चाहा था। उन्होंने कहा कि सरकार को इससे निपटने के लिए त्वरित कदम उठाकर सदन को अवगत कराना चाहिए।

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