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    बदायूं में किशोरियों के साथ नहीं हुआ दुष्कर्म: सीबीआइ

    By Edited By:
    Updated: Sat, 23 Aug 2014 12:08 PM (IST)

    बहुचर्चित कटरा सआदतगंज कांड की सीबीआइ जांच में जो संकेत मिल रहे थे, शुक्रवार को उनकी पुष्टि हो गई। लाइ डिटेक्शन, फॉरेंसिक असेसमेंट व फॉरेंसिक असेसमेंट एनालिसिस टेस्ट में पांचों आरोपी जहां पास हो गए, वहीं पीड़ित पक्ष के चारों लोग फेल हो गए हैं। डीएनए टेस्ट से स्पष्ट हो गया है कि दोनों

    बदायूं (लोकेश प्रताप सिंह)। बहुचर्चित कटरा सआदतगंज कांड की सीबीआइ जांच में जो संकेत मिल रहे थे, शुक्रवार को उनकी पुष्टि हो गई। लाइ डिटेक्शन, फॉरेंसिक असेसमेंट व फॉरेंसिक असेसमेंट एनालिसिस टेस्ट में पांचों आरोपी जहां पास हो गए, वहीं पीड़ित पक्ष के चारों लोग फेल हो गए हैं। डीएनए टेस्ट से स्पष्ट हो गया है कि दोनों किशोरियों के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। यह तथ्य विशेष पॉक्सो अदालत के समक्ष सीबीआइ ने रखे। अदालत ने अगली पेशी के लिए पांच सितंबर की तिथि तय करते हुए सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी तथा सीबीआइ से कहा कि गुनहगारों को सामने लाने के लिए विवेचना होनी चाहिए।

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    उप्र के बदायूं जिले के कटरा सआदतगंज गांव में दो किशोरियों के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में जेल में निरुद्ध पांचों आरोपियों को शुक्रवार को विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान सीबीआइ की ओर से विवेचक डिप्टी एसपी विजय कुमार शुक्ल ने बताया कि पांचों आरोपियों के लाइ डिटेक्शन व दो अन्य टेस्ट कराए गए, जिसकी रिपोर्ट आरोपियों के पक्ष में है। पीड़ित पक्ष की ओर से चार लोगों के यही टेस्ट कराए गए, उनकी रिपोर्ट नेगेटिव है। हैदराबाद लैब से मिली डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए विवेचक ने बताया कि दोनों लड़कियों में मेल स्पर्म नहीं पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि दुष्कर्म नहीं हुआ।

    पांचों आरोपियों के डीएनए टेस्ट में भी ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे दुष्कर्म की पुष्टि होती हो। अदालत के पूछने पर विवेचक ने चार दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करने की बात कही। अदालत ने कहा कि गुनहगारों को सामने लाने के लिए विवेचना होनी चाहिए। इधर, आरोपियों की ओर से जमानत के लिए कोई अर्जी नहीं दी गई। अदालत ने सभी आरोपियों को पांच सितंबर तक के लिए पुन: न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

    मोबाइल में नहीं मिली इंटरनल मेमोरी चिप

    कटरा सआदतगंज कांड में मूक चश्मदीद गवाह रहे किशोरी के मोबाइल को हैदराबाद लैब में खंगाला गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मोबाइल से मेमोरी कार्ड के साथ ही इंटरनल मेमोरी चिप भी गायब कर दी गई थी।

    एसआइटी को पता चल गया था कि बड़ी किशोरी के पास मोबाइल था। 25 जून को सीबीआइ की टीम ने वह मोबाइल किशोरी के ननिहाल गूरा नबीगंज पहुंचकर किशोरी के मामा से हासिल किया तो उसमें से मेमोरी कार्ड गायब थे तथा मोबाइल के करीब एक दर्जन टुकड़े कर दिए गए थे। किशोरी के मामा ने बताया कि उसे इसी हालत में मोबाइल दिया गया था। सीबीआइ ने पीड़ित परिवार से मेमोरी कार्ड के बारे में पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।

    सीबीआइ को उम्मीद थी कि कॉल डिटेल व इंटरनल मेमोरी कार्ड से काफी कुछ सूत्र मिल सकते हैं, इसीलिए इंटरनल मेमोरी कार्ड का रिकॉर्ड खंगालने के लिए मोबाइल हैदराबाद स्थित लैब में भेजा गया। वहां पर पता चला कि मोबाइल की इंटरनल मेमोरी चिप भी गायब है तथा मोबाइल का मदर बोर्ड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। अब सीबीआइ इस बात की पड़ताल कर रही है कि आखिर मोबाइल के बारे में इतनी ज्यादा जानकारी किसे थी, जिसने बहुत ही शातिराना ढंग से अहम सुबूत नष्ट कर दिए। साथ ही मोबाइल रिकॉर्डिग मोड में डालकर कौन किशोरियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा रहा था और उसका क्या उद्देश्य था।

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