कठघरे में पाक, मुंबई हमले में अब तक फैसला नहीं; जाधव को सालभर में सजा
सवाल है कि मुंबई हमले (26/11) के पाक हमलावरों पर नौ साल बाद भी पाक में केस चल रहा है, जबकि जाधव को सालभर में सजा सुना दी गई।
वॉशिंगटन/इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारतीय नागरिक कुलभूषषण जाधव को पाक सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाने के फैसले पर भारत के साथ ही अमेरिकी विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है। सवाल है कि मुंबई हमले (26/11) के पाक हमलावरों पर नौ साल बाद भी पाक में केस चल रहा है, जबकि जाधव को सालभर में सजा सुना दी गई।
उधर, भारत के कडे़ रुख के बाद पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि जाधव को अपील के लिए तीन मंच मौजूद हैं। फांसी के आदेश पर अमल तत्काल नहीं होगा। दक्षिण एशियाई मामलों से संबंधित अमेरिकी विदेश मंत्रालय की पूर्व अधिकारी अलीशा आयरेस के अनुसार जाधव के मामले में पाकिस्तान में कई अनियमितताएं बरती गई। उन्हें मदद के लिए कोई वकील नहीं दिया गया। सैन्य अदालत में सुनवाई के दौरान अति गोपनीयता बरती गई। सुनवाई की प्रक्रिया जल्दबाजी वाली रही।
यह सब मुंबई आतंकी हमले के आरोपियों की पाकिस्तान में हो रही सुनवाई के हालात के विपरीत हैं। जबकि मुंबई का मामला 9 साल पुराना है। साउथ एशिया सेंटर एट अटलांटिक काउंसिल, वॉशिंगटन के डायरेक्टर भरत गोपालास्वामी ने जाधव को सजा देने से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने फिल्मों जैसी कहानी तैयार की। इसे सही साबित करने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। बिना ठोस सबूतों के सुनवाई पूरी करके सजा का एलान कर दिया गया। अमेरिकी थिंक टैंक वुडरो विल्सन सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर माइकेल कगलमैन के अनुसार जाधव से जुड़ा पूरा मामला रहस्यमयी और अनिश्चितता से भरा हुआ है।
दबाव में नहीं झुकेगा पाक
उधर पाकिस्तान की समा टीवी के अनुसार मंगलवार को पाक पीएम नवाज शरीफ व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने जाधव मसले पर चर्चा की। इसमें उन्होंने भारत के दबाव के आगे नहीं झुकने का फैसला किया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाजवा ने शरीफ को जाधव मामले में विश्वास में लिया। याद रहे, पाक सैन्य कोर्ट ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। पाक का दावा है कि जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से पक़़डा गया। जबकि भारत ने सजा को हत्या मानने की चेतावनी देते हुए कहा है कि जाधव जासूस नहीं, व्यापारी हैं। उनका ईरान के चाबहार से अपहरण किया गया था।
भारतीय पूर्व सैन्य अफसरों ने दिल्ली में किया प्रदर्शन
दिल्ली में सेना के पूर्व अधिकारियों ने बुधवार को चाणक्यपुरी स्थित पाक उच्चायुक्त के समक्ष प्रदर्शन कर पूर्व नौसैनिक अफसर जाधव को फांसी की सजा का विरोध किया। उन्होंने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को ज्ञापन सौंपकर कहा कि पाक ऐसे फैसले कर खुद के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है। वह नहीं सुधरा तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।
पाक को स्थायी सबक सिखाएं
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पाकिस्तान को अंजाम भुगतना प़़डेगा, जैसी धमकियों व बातों से कोई फर्क नहीं प़़डेगा, अब उसे स्थायी सबक सिखाने का वक्त आ गया है। पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि जब शिवसेना ने पाक कलाकारों व नेताओं के भारत में स्वागत का विरोध किया था तो पूरे देश में उसकी आलोचना हुई थी, लेकिन जैसे ही जाधव को सजा की घोषषणा हुई अचानक देशभक्तों की बहार आ गई।
भारत फैसले की कॉपी मांगे
ख्यात वकील राम जेठमलानी ने कहा है कि जाधव मामले में सरकार सबसे पहले फैसले की प्रमाणित कॉपी मांगे। वह नई दिल्ली में 'सुधरते भारत-पाक रिश्तों' पर एक सम्मेलन के मौके पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। 93 साल के जेठमलानी ने कहा- 'मैं पहले सबूत व केस देखूंगा फिर कोई राय दूंगा। सारा मीडिया सवाल उठा रहा है, लेकिन किसी ने फैसला प़़ढा है? जब यह पूछा गया कि क्या पाक फैसले की प्रमाणित कॉपी देगा? हम मांगें तो सही।'
बासित-कसूरी के सामने हुआ हंगामा
मंगलवार रात हुए सम्मेलन में पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित व पूर्व पाक विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी शरीक हुए थे। सम्मेलन के अंत में तब उत्तेजना फैल गई थी जब मीडिया ने बासित व कसूरी पर सवालों की बौछार कर दी।
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