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    नीति आयोग ने 23 अप्रैल को बुलायी अपनी गवर्निग कांउसिल की बैठक

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Wed, 12 Apr 2017 07:13 PM (IST)

    नीति आयोग की गवर्निग कांउसिल के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं।

    नीति आयोग ने 23 अप्रैल को बुलायी अपनी गवर्निग कांउसिल की बैठक

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीति आयोग ने 23 अप्रैल को अपनी गवर्निग काउंसिल की बैठक बुलायी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में देश के विकास की त्रिवर्षीय कार्ययोजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सकता है। त्रिवर्षीय योजना पंचवर्षीय योजनाओं की जगह लेगी।

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    नीति आयोग की गवर्निग कांउसिल के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री सहित महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री भी इसमें बतौर सदस्य शामिल हैं। बीते बीस महीने में यह पहला मौका है जब आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक हो रही है। इससे पहले काउंसिल की दो बैठकें हुई हैं। दोनों ही बैठकें वर्ष 2015 में हुई थी।

    उल्लेखनीय है कि सरकार ने नेहरुयुगीन योजना आयोग को खत्म कर एक जनवरी 2015 को नीति आयोग के गठन का ऐलान किया था। आयोग की पहली गवर्निग काउंसिल की बैठक आठ फरवरी 2015 को हुई थी। इसके बाद 15 जुलाई 2015 को गवर्निग काउंसिल की दूसरी बैठक हुई। इसके बाद गवर्निग काउंसिल की बैठक नहीं हुई है।

    सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग की गविर्नग काउंसिल की बैठक में देश के विकास की त्रिवर्षीय कार्ययोजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा सकता है। यह कार्ययोजना वित्त वर्ष 2017-18 से शुरु होकर 2019-20 तक चलेगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बैठक में सात वर्षीय कार्यनीति और 15 वर्षीय विजन दस्तावेज का खाका भी खींचा जा सकता है।

    इसके अलावा बैठक में किसानों की स्थिति, देश के कुछ भागों में सूखे के हालात और केंद्र तथा राज्यों के बीच अन्य विषयों पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा 31 मार्च को समाप्त हुई 12वीं पंचवर्षीय योजना की समीक्षा पर भी चर्चा हो सकती है। वैसे तो त्रिवर्षीय कार्ययोजना अब तक तैयार हो जानी चाहिए थी लेकिन आयोग की लेटलतीफी के चलते अब तक इसका मसौदा सार्वजनिक नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि सरकार 23 अप्रैल को गवर्निग काउंसिल की बैठक के बाद इसे जनता के लिए सार्वजनिक कर सकती है।

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