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    भूकंप भी नहीं रोक पाया ऐवरेस्‍ट की ओर बढ़ते अनीता के कदम [Pic]

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 26 Apr 2015 06:38 AM (IST)

    नेपाल में आया भीषण भूकंप भी हिसार की पर्वतारोही अनीता कुंडू के बढ़ते कदमों को नहीं रोक पाया। चाइना साइड से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करते वक्त 21 हजार फीट ऊंचाई पर हिमस्खलन हो गया। इस दौरान अनीता सहित कैंप सदस्य बाल-बाल बच गए। भूकंप की खबर से यहां अनिता

    हिसार। नेपाल में आया भीषण भूकंप भी हिसार की पर्वतारोही अनीता कुंडू के बढ़ते कदमों को नहीं रोक पाया। चाइना साइड से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करते वक्त 21 हजार फीट ऊंचाई पर हिमस्खलन हो गया। इस दौरान अनीता सहित कैंप सदस्य बाल-बाल बच गए। भूकंप की खबर से यहां अनिता के परिजनों के होश उड़ गए और सेटेलाइट फोन पर उसके बात करने के बाद जान में जान आई। हालांकि दुनिया की इस चोटी पर चढ़ने की कोशिश करने वाले करीब दस पवर्तारोहियों की शनिवार को आए जबरदस्त भूकंप से मौत होने की भी खबर है।

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    मां, दस कदम पर हुआ हिम स्खलन

    अनीता ने अपनी मां राजपति को बताया कि उससे महज दस कदम की दूरी पर हिम स्खलन हुआ था। बर्फ के पहाड़ के सामने जो भी आया, वह उसमें समाता गया। ज्यादा तबाही नेपाल की तरफ माउंट एवरेस्ट पर हुई है। आप सभी की दुआ और भगवान की कृपा से हम जिंदा हैं।

    21 हजार फीट पर पहुंची अनीता

    अनीता ने परिजनों को बताया कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29 हजार 29 फीट है। अभी 21 हजार फीट की चढ़ाई पूरी कर ली है। हालांकि भूकंप की वजह से हुए हिमस्खलन के कारण चुनौती बढ़ गई है। बहुत ही संभलकर ऊपर चढ़ना पड़ रहा है।

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    सीमा को स्थगित करनी पड़ी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई

    जासं, कैथल : यहां सीवन की सीमा गोस्वामी को भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट की अपनी चढ़ाई स्थगित करनी पड़ी। हालांकि परिजनों की सीमा से आधा मिनट बातचीत हुई है उन्होंने सब ठीक बताया है लेकिन मिशन की शुरुआत के बारे में उन्होंने चढ़ाई स्थगित करने की बात कही है।

    सीमा गोस्वामी माउंट एवरेस्ट को फतेह करने के लिए 31 मार्च को रवाना हुई थी। 5 अप्रैल को सेवन समिट दल काठमांडू से उड़ान भर कर लुकमा पहाड़ी के लिए रवाना हुई। 19 अप्रैल को कुंभ ग्लेशियर पहुंच कर बेस कैंप लगाया। शनिवार को नेपाल से माउंट एवरेस्ट के लिए चढ़ाई आरंभ करनी थी। बेस कैम्प में हरियाणा, राजस्थान, दार्जलिंग, असम और रुड़की सभी स्थानों से एक एक प्रतिभागी साथ जा रहा था। सुबह सीमा ने अपने सपने को साकार करने के लिए चढ़ाई का कार्य आरंभ करना था।

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    मौसम की चेतावनी से कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों का ओशियन शिविर दूरी पर लगा हुआ था। जैसे ही भूकम्प नेपाल में आने के समाचार टेलीविजन पर आने आरंभ हुए तो सीमा के परिवार वालों व रिश्तेदारों ने सीमा से संपर्क साधा, सीमा की छोटी बहन कुसुम गोस्वामी का फोन मिल गया। बात केवल आधा मिनट ही हुई उस समय सीमा सदमे में थी। अपनी बहन को बताया की भूकम्प से उनका शिविर बचा हुआ है तथा उन्होंने चढ़ाई अभी स्थगित कर दी है।

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    भूकंप ने कंपा दिया अनी का मन

    नेपाल में भूकंप की तबाही के साथ ही पर्वतारोहियों के बेस कैंप में भी मौत की खबर सुनकर एक बारगी तो अनी अग्रवाल का दिल भी कांप उठा। फरीदाबाद सेक्टर-17 निवासी अनी के पति सौरभ अग्रवाल भी 12 सदस्यीय दल के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह करने हिमालय गए हैं। अनी ने बताया कि सौरभ का दल चीन की ओर से चढ़ाई कर रहा है। वहां भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन ज्यादा तबाही नहीं हुई। सौरभ का दल 6 हजार 400 मीटर चढ़ाई कर चुका है और वहां बनाए गए एडवांस बेस कैंप में है।

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