...तो भारत में पड़ेगा मोबाइल एेप्स का अकाल
नेट न्यूट्रलिटी एक तरफ जहां देश में राजनीतिक रंग लेता जा रहा है इसके नए आयाम सामने आते जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शीर्ष संगठन नासकॉम का कहना है कि नेट न्यूट्रिलिटी के सिद्धांत को सही तरीके लागू नहीं किया गया तो भारत में मोबाइल एेप्स का सूखा
नई दिल्ली। नेट न्यूट्रलिटी एक तरफ जहां देश में राजनीतिक रंग लेता जा रहा है इसके नए आयाम सामने आते जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शीर्ष संगठन नासकॉम का कहना है कि नेट न्यूट्रिलिटी के सिद्धांत को सही तरीके लागू नहीं किया गया तो भारत में मोबाइल एेप्स का सूखा पड़ जाएगा।
नासकॉम के इंटरनेट काउंसिल के प्रमुख संजीव भीखचंदानी का कहना है कि दुनिया में 1.5 अरब मोबाइल एेप्स हैं, अगर इनके लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया जाये तो सिर्फ 5 से 10 हजार एेप्स ही भारत में आ सकेंगे। नेट न्यूट्रलिटी को ठीक ठंग से लागू नहीं किया गया तो एक तरह से भारत में मोबाइल एेप्स का सूखा पड़ जाएगा।
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