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    नावेद के सहारे पाकिस्तान होगा बेनकाब

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Thu, 06 Aug 2015 08:01 PM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को ऊधमपुर में हुए आतंकी हमले की जांच संभाल ली है। एनआइए के महानिरीक्षक संजीव सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम ऊधमपुर पहुंच गई है और उसने जांच शुरू कर दी है। कई आतंकी मामलों की गुत्थी सुलझा चुकी एनआइए की कोशिश है

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को ऊधमपुर में हुए आतंकी हमले की जांच संभाल ली है। एनआइए के महानिरीक्षक संजीव सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम ऊधमपुर पहुंच गई है और उसने जांच शुरू कर दी है। कई आतंकी मामलों की गुत्थी सुलझा चुकी एनआइए की कोशिश है कि इस हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी मोहम्मद नावेद याकूब से पूछताछ और जांच के बाद ऐसे पुख्ता साक्ष्य जुटाए जाएं ताकि सीमा पार से आतंक फैला रहे पाकिस्तान को पूरी दुनिया के आगे बेनकाब किया जा सके।

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    एनआइए की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर जांच शुरू कर दी है। आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी ने शुरुआती जांच में बताया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का निवासी है। वह घुसपैठ करभारत में आया है। नावेद के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां, शस्त्र कानून और भारतीय दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

    एनआइए की टीम नावेद को उन स्थानों पर ले जाएंगी जहां से उसने भारत में घुसपैठ की। एनआइए यह भी पता करेगी कि हमले से पहले नावेद किस-किस जगह ठहरा। नावेद ने यह भी बताया है कि वह और उसके साथी सीमा पर लगी बाड़ काटकर भारत में दाखिल हुए। आते समय वे तंगमार्ग और बाबा रेशी में ठहरे। इसके बाद उन्होंने अपना ठिकाना बदलकर दक्षिण कश्मीर में अवंतीपुरा-पुलवामा कर लिया जहां वह एक पहाड़ी के निकट गुफा में रुका।

    नावेद ने बताया कि उसने लश्कर-ए तैयबा के आतंकी शिविर में 'दौर-ए-आम' और 'दौर-ए-खास' दो कोर्स किए हैं। पहले कोर्स में शारीरिक रूप से फिट रहना, पर्वतारोहण और छोटे हथियार चलाना सिखाया जाता है जबकि दूसरे में छोटे-छोटे विस्फोटक तैयार करना तथा घातक हथियार चलना सिखाया जाता है।

    एनआइए की कोशिश है कि नावेद से पाकिस्तान में मौजूदा आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाए ताकि इसे सुबूत के तौर पर पाकिस्तान को सौंपा जा सके।

    मुंबई हमले के बाद आतंकी कसाब से पूछताछ के आधार पर भारत ने जो सुबूत सौंपे थे, पाकिस्तान ने उनसे पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी।

    उल्लेखनीय है कि नावेद और उसके साथी भारत में घुसपैठ करने के बाद दो अलग-अलग समूहांे में बंट गए। नावेद और नामेन दक्षिण कश्मीर में कुलगाम आ गए जहां से उन्हांेने जम्मू के लिए ट्रक पकड़ा। वे पटनीटॉप पर रात गुजारने के बाद ऊधमपुर पहुंचे। वहां बीएसएफ के साथ मुठभेड़ में नावेद का साथी नोमन उर्फ मोमिन को मारा गया जबकि ग्रामीणों ने उसे धर दबोचा।

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