सूखे पर मानवाधिकार आयोग ने यूपी, एमपी से तलब की रिपोर्ट
बुंदेलखंड में सूखे की भीषण स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
नई दिल्ली। बुंदेलखंड में सूखे की भीषण स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग इस मामले में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस भी जारी किया है। आयोग ने यह कार्रवाई मीडिया में छपी खबरों पर स्वतंत्र संज्ञान लेने के बाद की है।
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आयोग ने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि बुंदलेखंड में सूखे की मार के चलते लोग खाने को मजबूर हैं। अगर यह बात सही है तो यह लोगों के जीवन, गरिमा और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार बुंदेलखंड के लोग रोजी रोटी के मोहताज है, खेती सूख गई है, रोजगार के लिए पालायन कर रहें और राज्य में भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं। ज्यादातर लोग पिछड़ी जाती के हैं, जिनको रहने की जमीन मुनासिब नहीं हैं।
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मजबूरी के चलते लोगों को रोटी के साथ नमक खाने जैसी नौबत आ गई है। स्कूल भी ढंग से काम नहीं कर रहे है। मसलन बच्चों को मिड डे मील से वंचित रहना पड़ रहा है। मनरेगा के अंतर्गत भी काम नहीं हो रहा है। पहले की रिपोटरें में बात सामने आई थी कि लोगों को घास की बनी रोटियां खाने की नौबत आ गई है। लिहाजा आयोग ने राज्यों के सचिव से रिपोर्ट तलब की है।